विधायक और सांसद का फोन नहीं उठाने वाले अधिकारियों को सख्त निर्देश, जानिए

अफसरों द्वारा सांसदों व विधायकों के फोन न  उठाने व काॅल बैक न करने की बढ़ती प्रवृत्ति पर विधानमंडल की अनुश्रवण समिति ने खिन्नता जाहिर की है और सरकार से कहा है कि शिष्टचार व प्रोटोकाल संबंधी नियमों का सख्ती से पालन कराएं।

मुख्य सचिव आरके तिवारी ने इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों को भेजी गई चिट्ठी में कहा है कि असल में देखने में आया है कि जिलों के कुछ अधिकारी जनप्रतिनिधियों के न तो  फोन उठाते हैं और ना ही काॅल बैक करते हैं। जबकि संसदीय शिष्टाचार में अधिकारियों से कहा गया है कि वह अपने जिले के जनप्रतिनिधियों के नंबर अपने फोन में सेव करेंगे और काल रिसीव न कर पाने पर बाद में काल बैक करेंगे। मुख्य सचिव ने कहा कि सभी डीएम, कमिश्नर, डीजीपी व अपर मुख्य सचिव  अपने अधीनस्थों को निर्देश  दें कि वह प्रत्येक दशा में अपने जिले के सांसद  व विधायकों के मोबाइल व कार्यालय के फोन नंबर सेव करेंगे और जनप्रतिनिधि का फोन आने पर तत्काल काल रिसीव करेंगे। साथ ही बैठक में होने या अनुपलब्ध  होने पर काल की जानकारी होने पर कॉल बैक करेंगे और उनके द्वारा उठाई गई जनससस्याओं  का निस्तारण प्राथमिकता पर कराएंगे

मुख्य सचिव की लिखी चिट्ठी में कहा गया है कि राज्य विधानमंडल के सदस्यों के प्रति शिष्टाचार व अनुमन्य प्रोटोकाल का उल्लंघन किए जाने संबंधी मामलों में विचार के लिए कुछ समय पहले विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित की अध्यक्षता में अनुश्रवण समिति की बैठक हुई थी। इसमें विधानमंडल सदस्यों के प्रति अनुमन्य प्रोटोकाल व शिष्टाचार के नियमों का सख्ती से पालन कराने के निर्देश दिए गए।

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