यूक्रेन से वतन लौटे छात्र की दास्‍तान, पढ़ें आज की 10 बड़ी खबरें

इटावा. यूक्रेन संकट की आंच उत्‍तर प्रदेश तक भी पहुंच चुका है. प्रदेश के कई छात्र यूक्रेन के कई हिस्‍सों में फंसे हैं. इनमें से कई खुशनसीब छात्रों की वतन वापसी भी हो चुकी है. इन छात्रों ने वहां के हालात के बारे में आंखों देखी जानकारी दी है. वापस वतन आने वाले छात्रों में इटावा निवासी अंशुल भी एक हैं. अंशुल रूस के बॉर्डर के पास स्थित सुमी शहर के एक मेडिकल कॉलेज से MBBS की पढ़ाई कर रहे थे. यूक्रेन में भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने माहौल खराब होने की बात कही तो अंशुल अपने देश लौट आए. उनके साथ 3 अन्य छात्र की भी वतन वापसी हुई. अंशुल ने रूस-यूक्रेन तनाव से उपजे हालात और वहां की स्थिति के बारे में जानकारी दी. उन्‍होंने बताया कि वह यूक्रेन में जिस जगह रहते थे, वहां से रूसी सेना महज 50 किलोमीटरर की दूरी पर थी. बता दें कि अंशुल राठौर के पिता अरविंद राठौर वकील हैं. अरविंद इटावा कचहरी में वकालत करते हैं. बता दें कि अंशुल के भारत आने के बाद रूस ने यूक्रेन पर हमला बोल दिया.

अंशुल राठौर ने बताया कि यूक्रेन में स्थितियां काफी समय पहले से ही तनावपूर्ण हो रही थीं. स्थानीय प्रशासन और भारतीय दूतावास के अधिकारियों की ओर से एडवाइजरी जारी की गई थी, जिसमें कहा गया था कि अन्य देशों के छात्र अगर जाना चाहें तो जा सकते हैं. इस एडवाइजरी की जानकारी अंशुल ने अपने पिता को फोन से पर दी थी. इसपर अरविंद ने उन्‍हें तत्काल यूक्रेन से भारत आने को कहा. वह 17 फरवरी की सुबह 7 बजे सुमी से कीव अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए निकले थे. बता दें कि सुमी से कीव की दूरी करीब 350 किलोमीटर है. 17 फरवरी की शाम को 6 बजे वह दुबई की फ्लाइट लेकर रात 1 बजे दुबई पहुंचे थे. वहां से 18 घंटे रेस्ट करने के बाद दुबई से मुंबई पहुंचे थे. अंशुल मुंबई से ट्रेन के जरिये पहले दिल्‍ली पहुंचे, फिर वहां से घर.

1-शोपियां में सुरक्षाबलों ने 2 से 3 आतंकियों को घेरा, सर्च ऑपरेशन जारी

जम्मू कश्मीर के शोपियां ज़िले में सुरक्षाबलों ने 2 से 3 आतंकियों को घेर लिया है. कहा जा रहा है कि इस इलाके में और भी आतंकी हो सकते हैं. फिलहाल पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है. कहा जा रहा है कि खुफिया सूचना मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी की और वहां तलाशी अभियान चलाया है.

बता दें कि शोपियां बेहद संवेदनशील इलाका है. पिछले हफ्ते यहां मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा का एक आतंकवादी मारा गया था. जबकि सेना के दो जवान भी शहीद हो गए थे. अधिकारी ने बताया था कि गोलीबारी के बाद शुरू हुई मुठभेड़ में लश्कर का आतंकवादी अब्दुल कयूम डार मारा गया जो पुलवामा जिले के लारू काकपोरा का निवासी था.

2-यूपी में पांचवें दौर की वोटिंग के लिए प्रचार का आज आखिरी दिन, रविवार को होगा मतदान

 उत्तर प्रदेश में पहले चार फेज के चुनाव के बाद अब हर किसी को पांचवें चरण में वोटिंग का इंतज़ार है. इस फेज में अवध और पूर्वांचल के 11 जिलों की 61 सीटों पर रविवार को वोट डाले जाएंगे. यानी इन इलाकों में चुनाव प्रचार का आज आखिरी दिन है. आज शाम चुनाव प्रचार खत्म हो जाएंगे. चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक इस चरण में 693 प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं. 27 फरवरी को जिन प्रमुख सीटों पर मतदान होने हैं वो हैं- अमेठी, अयोध्या, सुल्तानपुर, चित्रकूट, बहराइच, श्रावस्ती, बाराबंकी, प्रतापगढ़, प्रयागराज, कौशांबी और गोंडा.

उत्तर प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र यानी पूर्वांचल में समाजवादी पार्टी (सपा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मजबूत सामाजिक समीकरण को नुकसान पहुंचाने की पूरी कोशिश कर रही है, जबकि सत्तारूढ़ दल अपने जातिगत समीकरण को नुकसान पहुंचने से बचाने के पूरे प्रयास कर रहा है. भाजपा की सहयोगी रहने के बाद अब सपा के साथ आई ओम प्रकाश राजभर के नेतृत्व वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) अपने समुदाय के मतों का एक बड़ा हिस्सा खींच सकती है, वहीं मौर्य-कुशवाहा मतदाताओं का वर्ग 2014 से हर चुनाव में सत्ताधारी पार्टी को मजबूत समर्थन देने के बावजूद उसकी ओर पर्याप्त ध्यान नहीं दिए जाने की शिकायत कर रहा है.

3-रूस-यूक्रेन विवादः सोनीपत की उर्वशी-रिया बोली- हमें बंकरों में जाने के लिए कहा गया है

रूस और यूक्रेन में विवाद के बाद हमले शुरू हो गए हैं, लेकिन इसी हमले में भारत के जो छात्र वहां एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए गए थे, उनकी चिंताएं बढ़ गई हैं. अब परिवार भी सरकार से गुहार लगा रहा है कि उनके बच्चों को जल्द से जल्द उनके घर पर पहुंचाने की व्यवस्था सरकार करें. इस विवाद में हरियाणा के सोनीपत की भी छात्राएं यूक्रेन में फंसी हुई. सोनीपत में अपने परिजनों से व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल कर परिजनों को आपबीती बताई. जहां सरकार ने उन्हें आदेश दे दिए हैं कि वह मेट्रो में बनाए गए अंडरग्राउंड बंकरों में चले जाएं. जहां पर वह पानी और अपना खाने का सामान लेकर जा चुके हैं, लेकिन परिवार बार-बार सरकार से गुहार लगा रहा कि उनके बच्चों को घर लाया जाए.

सोनीपत के आदर्श नगर की उर्वशी और रिया नाम की लड़की जो कि यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए गई हैं. रूस और यूक्रेन के विवाद के बाद उनके परिवार की चिंताएं बढ़ गई हैं उर्वशी के पिता अरुण को जब रिया से व्हाट्सएप कॉल कर वीडियो कॉल की तो वहां पर रिया और उर्वशी ने बताया कि रूसी सेना यूक्रेन के खारकीव में घुस गई है. ताजा हालात पर बताते हुए छात्राओं ने बताया कि सभी को सरकार ने मेट्रो के के बंकर में जाने के लिए दिए आदेश दिए है. उर्वशी ने बताया कि वह अपना खाने और पीने का सामान पैक कर रही है और उसके बाद मेट्रो के बंकर में चली जाएगी.

4-सरकार ने रेमडेसिवीर इंजेक्शन और इसमें उपयोग होने वाले रसायनों के निर्यात पर पाबंदी हटाई

केंद्र सरकार (central government) ने बृहस्पतिवार को रेमडेसिवीर (Remdesivir) इंजेक्शन और इसमें उपयोग होने वाले प्रमुख रसायनों (एपीआई) के निर्यात पर रोक हटा ली है. कोविड-19 के घटते मामलों के बीच यह कदम उठाया गया है. इसके अलावा, केंद्र ने ‘आर्गेनिक’ एलईडी (लाइट एमिटिंग डॉयोड) और लिक्विड क्रिस्टल के निर्यात पर भी पाबंदी को समाप्त कर दिया है. एक समय देश के कई हिस्सों से रेमडेसिविर की कालाबाजारी और जमाखोरी की खबरें आई थीं.  घरेलू बाजार में इसकी कमी न हो, इसे देखते हुए केंद सरकार ने इसके निर्यात पर बैन लगा दिया था.

विदेश व्यापार महानिदेशालय ने अधिसूचना में कहा, ‘रेमडेसिवीर इंजेक्शन और रेमडेसिवीर एपीआई, एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन, एनोक्सापारिन (फॉर्मूलेशन और एपीआई) और इंट्रा-वेनस इम्युनोग्लोबुलिन (आईवीआईजी) (फॉर्मूलेशन और एपीआई) … की निर्यात नीति को तत्काल प्रभाव से मुक्त कर दिया गया है.’  पिछले साल अप्रैल में देश में महामारी की स्थिति सुधरने तक कोविड-19 के इलाज में प्रभावी माने जाने वाले रेमडेसिवीर इंजेक्शन और उसके रसायन के निर्यात पर पाबंदी लगा दी गयी थी.

5-कोरोना के बीच गुजरात में फैली दुर्लभ बीमारी, 12 मामले सामने आने के बाद डॉक्टर्स ने बताई ये अजीब बात

गुजरात (Gujarat) के पंचमहल जिले के गोधरा (Godhra) में दुर्लभ बीमारी गुलियन बेरी सिंड्रोम (Gullian Berry syndrome) के 12 मामले सामने आए हैं. एक स्वास्थ्य अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. मुख्य जिला स्वास्थ्य अधिकारी (सीडीएचओ) डॉक्टर मीनाक्षी चौहान ने बताया ये 12 मामले लगभग एक सप्ताह में सामने आए. उन्होंने कहा कि जिला स्वास्थ्य विभाग ने मामलों के कारण पूरे भुरावव क्षेत्र की निगरानी शुरू कर दी है ताकि यह पता लगाया जा सके कि स्थानीय लोगों में किस कारण से यह बीमारी हुई.

उन्होंने कहा, ‘‘अब तक 12 लोग जीबीएस से प्रभावित पाए गए हैं. उनका गोधरा और वडोदरा के अस्पतालों में इलाज जारी है. हमें अभी तक उस सटीक कारण का पता नहीं चल पाया है जिसके कारण यह बीमारी हुई. भुरावव और उसके आसपास के इलाकों में निगरानी शुरू कर दी गई है.

6-मनरेगा के काम या भुगतान में हो रही है परेशानी, तो अब घर बैठे करा सकते हैं समाधान, जानें कैसे

मनरेगा में काम, भुगतान या फिर अन्‍य किसी तरह की परेशानी हो रही है तो अब आपको ब्‍लाक, तहसील या जिला मुख्‍यालय के चक्‍कर लगाने की जरूरत नहीं होगी. ग्रामीण विकास मंत्रालय ने मनरेगा के श्रमिकों की परेशानी को देखते हुए एप लांच किया है, जिसकी मदद से श्रमिक मनरेगा से जुड़ी समस्‍याओं का समाधान अब घर बैठे करा सकते हैं. यह एप मनरेगा को और अधिक पारदर्शी बनाएगा. साथ ही इससे जवाबदेही तय की जा सकेगी.

केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने आज दिल्‍ली में महात्मा गांधी नरेगा के लिए एप करते हुए कहा कि एप ई-गवर्नेंस की दिशा में एक कदम है. मंत्रालय ने शिकायतों के आधार पर उनके समाधान के लिए एप विकसित किया है. राज्यों/ यूटी में मनरेगा योजना से संबंधित शिकायतों का माध्‍यम भौतिक के साथ साथ डिजिटल होगा. उन्‍होंने कहा कि वर्तमान में शिकायतों का निपटान भौतिक रूप में होता है, लेकिन एप से शिकायतों का जल्‍द समाधान हो सकेगा और पूरी तरह से पारदर्शी होगा. एप के माध्‍यम से शिकायतों का निपटारा तुंरत किया जा सकेगा. इससे श्रमिकों को राहत मिलेगी. एप का इस्‍तेमाल करने के लिए श्रमिकों को अपना नाम डालना होगा और पासवर्ड होगा, जिससे वो कभी भी इसका इस्‍तेमाल कर सकता है.

7-यूक्रेन-रूस संकट: PM मोदी ने की सिक्युरिटी पर बड़ी बैठक, व्लादिमीर पुतिन से कर सकते हैं बात

यूक्रेन पर रूस के हमले (russia Ukraine War News) से पैदा हुई स्थिति और वहां फंसे भारतीयों को वापस लाने की उठ रही मांगों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने बृहस्पतिवार को सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीएस) की बैठक की अध्यक्षता की.

ऐसी संभावना है कि प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) वर्तमान स्थिति के मद्देनजर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) से फोन पर बातचीत कर सकते हैं. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. इस अहम बैठक में प्रधानमंत्री मोदी के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh), केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah), वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री एस जयशंकर शामिल हुए.

8-WHO का बड़ा आरोप, कोरोनाकाल में कई देशों ने नहीं मानी हमारी बात, अब इस नई चुनौती के लिए रहें तैयार

स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन (Soumya Swaminathan) ने गुरुवार को कहा कि हालांकि कोविड-19 महामारी से निपटने के संबंध में वैज्ञानिक उपलब्धि प्रशंसनीय है, लेकिन कुछ मुद्दों पर कोई वैश्विक समन्वय नहीं रहा है. कई देशों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित रूपरेखा का पालन नहीं किया.

‘बायोएशिया 2022’ (BioAsia 2022) के तहत आयोजित एक पैनल परिचर्चा में उन्होंने कहा, हालांकि कई अमीर देशों में 90 प्रतिशत तक टीकाकरण पूरा हो चुका है, लेकिन विश्व स्तर पर वैक्सीन आपूर्ति में आसानी होने के बावजूद अफ्रीका के कुछ देशों में केवल 10 प्रतिशत लोगों का टीकाकरण हुआ है.

9-पूर्वांचल में बीजेपी का जातीय समीकरण बिगाड़ने की जुगत में सपा, जानें सियासी मायने

उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में सियासी दांव पेच का दौर जारी है. इस वक्‍त समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) पूर्वी क्षेत्र यानी पूर्वांचल (Poorvanchal) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के मजबूत सामाजिक समीकरण को नुकसान पहुंचाने की पूरी कोशिश कर रही है. जबकि सत्तारूढ़ दल अपने जातिगत समीकरण को नुकसान पहुंचने से बचाने के पूरे प्रयास कर रहा है.

भाजपा की सहयोगी रहने के बाद अब सपा के साथ आई ओम प्रकाश राजभर के नेतृत्व वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) अपने समुदाय के मतों का एक बड़ा हिस्सा खींच सकती है. वहीं, मौर्य-कुशवाहा मतदाताओं का वर्ग 2014 से हर चुनाव में सत्ताधारी पार्टी को मजबूत समर्थन देने के बावजूद उसकी ओर पर्याप्त ध्यान नहीं दिए जाने की शिकायत कर रहा है.

10-तीसरे विश्वयुद्ध जैसे हालात! यूक्रेन-रूस की लड़ाई में जानें कौन सा देश किसकी तरफ है

रूस ने गुरुवार की सुबह-सुबह यूक्रेन के खिलाफ व्यापक पैमाने पर सैन्य कार्रवाई शुरू कर दी. वर्ष 1991 में रूस के नेतृत्व वाले सोवियत संघ के पतन से पहले यूक्रेन भी इसका एक घटक था. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा यूक्रेन के खिलाफ युद्ध छेड़ना अमेरिका के प्रभुत्व वाले उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) को धक्का देने की एक कोशिश है, जो उनके पड़ोस पूर्वी यूरोप में तेजी से अपना विस्तार कर रहा है.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक टेलीविजन संबोधन में यूक्रेन का विसैन्यीकरण (Demilitarization) करने के लिए सैन्य अभियान (Military Operation) की घोषणा करते हुए चेतावनी दी कि इस मामले में “हस्तक्षेप” करने वालों को ऐसा परिणाम भुगतना पड़ेगा, जिसका उन्होंने इससे पहले कभी सामना नहीं किया होगा. वहीं अमेरिका और ब्रिटेन सहित अन्य पश्चिमी शक्तियों ने चेतावनी दी कि इस युद्ध के लिए दुनिया रूस को जवाबदेह ठहराएगी.

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