मायावती की इस रणनीति से फेल हुआ सपा का ‘MY’ फॉर्मूला, जानें कैसे पहुंचाया नुकसान

सपा और बसपा के बीच मुस्लिम वोट बंटने से अखिलेश यादव को नुकसान

लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव मेंबहुजन समाज पार्टी खुद भले एक सीट पर सिमट गई हो, लेकिन उसने कम से कम 30 सीटों पर समाजवादी पार्टी के मुस्लिम-यादव गठजोड़ यानी ‘MY’ समीकरण को बेअसर कर दिया. इन सीटों पर बसपा ने मुस्लिम उम्मीदवार उतारकर समाजवादी पार्टी को सीधे तौर पर नुकसान पहुंचाया. इन 30 सीटों में से 26 सीटें ऐसी थीं, जहां सपा और बसपा के बीच मुस्लिम वोट बंटने से अखिलेश यादव को नुकसान हुआ.

इस बार के विधानसभा चुनाव में यह तय माना जा रहा था कि सपा को एकतरफा मुस्लिम वोट जाएगा. ऐसे में बसपा प्रमुख मायावती ने सपा से मुस्लिम वोटों को तोड़ने के लिए राज्य की 89 सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार उतारे. बसपा की रणनीति थी कि सपा जहां मुस्लिम उम्मीदवार नहीं उतारेगी वहां दलित और मुस्लिम वोटरों की मदद से उसे सीधा फायदा होगा. मायावती की प्लानिंग थी कि इन सीटों पर अगर उसे फायदा नहीं भी हुआ तो सपा को नुकसान जरूर पहुंचेगा.

बसपा सुप्रीमो अपनी रणनीति में कामयाब दिखी

ऐसे में इन विधानसभा सीटों के नतीजों को देखें तो बसपा सुप्रीमो अपनी रणनीति में कामयाब दिखती हैं. यहां बसपा को भले कुछ फायदा नहीं हुआ लेकिन सपा को इनमें से कम से कम 30 सीटों पर सीधा नुकसान हुआ और बीजेपी के लिए जीत की राह आसान हुई.यहां बसपा की वजह से मेरठ दक्षिण, महमूदाबाद, जौनपुर, अलीगढ़, पीलीभीत, रायबरेली, सीतापुर, मुरादाबाद नगर, मुगलसराय, अलीगंज, बहराइच, बासगांव, बढ़ापुर, बिसवां, बख्शी का तालाब, छिबरामऊ, ददरौला, फिरोजाबाद, खलीलाबाद, गंगोह, कोल, लोनी, मेंहदावल, मोहम्मदी, नकुड़, नानपारा, नवाबगंज, पथरदेवा, रुदौली और श्रीनगर सीटों पर सपा को नुकसान हुआ.

सपा के कई धुरंधर भी चुनाव हार गए

मायावती की इस रणनीति की वजह से सपा के कई धुरंधर भी चुनाव हार गए. इनमें सबसे प्रमुख नाम बसपा से भाजपा में जाकर विधायक और मंत्री बनने वाले धर्म सिंह सैनी का है, जो इस बार सपा के टिकट पर अपने ही गढ़ नकुड़ से चुनाव हार गए. इसके अलावा सीतापुर की महमूदाबाद विधानसभा सीट से दो बार के विधायक रहे नरेंद्र वर्मा भी मुस्लिम वोटों के बंटवारे से चुनाव हार गए.

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