‘लोकतंत्र को मजबूत बनाने वाली विभूति के रूप में याद किये जाएंगे सोराबजी’

नयी दिल्ली,उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन ने पूर्व एटर्नी जनरल और सुविख्यात कानूनविद सोली जहांगीर सोराबजी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा है कि मानवाधिकारों और मौलिक अधिकारों के हिमायती सोराबजी लोकतंत्र के स्तम्भों को मजबूत करने वाली महान विभूति के रूप में याद किये जाते रहेंगे।

न्यायमूर्ति रमन ने शुक्रवार को जारी अपने शोक संदेश में कहा कि पूर्व एटर्नी जनरल सोली जहांगीर सोराबजी के निधन के बारे में जानकर उन्हें गहरा दुख हुआ है। न्यायिक जगत के साथ करीब 68 वर्ष के जुड़ाव में  सोराबजी ने मानवाधिकारों और मौलिक अधिकारों से संबंधित वैश्विक न्यायशास्त्र को समृद्ध करने में महती भूमिका निभायी है।

उन्होंने सोराबजी को प्रेस की आजादी का अगुवा बताया और कहा, “उन्होंने  सोराबजी) हाल तक नित्य प्रतिदिन जटिल कानूनी मुद्दों की बारीकियों पर प्रकाश डालने के लिए मीडिया को एक मंच के रूप में इस्तेमाल किया और लाखों लोगों को कानून का पाठ पढ़ाया, अन्यथा उन लोगों को न्यायिक जगत में होने वाले घटनाक्रमों के बारे में कुछ भी पता नहीं होता।”

मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “जब से मैंने एक वकील के तौर पर प्रैक्टिस शुरू की, तब से ही उनकी कृतियों को पढ़कर, उनके व्याख्यानों को सुनकर तथा उनके दूरदर्शी नेतृत्व और परामर्श का अनुसरण करके व्यक्तिगत तौर पर बहुत कुछ हासिल किया है।”

न्यायमूर्ति रमन ने कहा कि मानवता और करुणा से ओत-प्रोत रुख ने उनके विधिक कार्यों को भी परिभाषित किया है। उन्हें लोकतंत्र के स्तम्भों को मजबूत बनाने वाली महान विभूति के तौर पर हमेशा याद किया जाता रहेगा। मैं दिवंगत आत्मा को विनम्र श्रद्धांजलि देता हूं। मैं व्यक्तिगत तौर पर और सुप्रीम कोर्ट की ओर से श्री सोली सोराबजी के परिजनों, दोस्तों एवं अनगिनत प्रशंसकों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।”

Related Articles

Back to top button