सोनम कातिल या पीड़ित ? कहा – “मेरा अपहरण हुआ”, बताया कैसे पहुंची गाजीपुर ! कहानी सुन उड़े पुलिस के होश

इंदौर/शिलॉन्ग – मेघालय के शिलॉन्ग में हनीमून के दौरान हुई कारोबारी राजा रघुवंशी की रहस्यमय हत्या अब एक पेचीदा साजिश में बदलती जा रही है। इस हत्याकांड की सबसे अहम कड़ी बनीं सोनम रघुवंशी खुद को लगातार निर्दोष बता रही हैं। लेकिन पुलिस जांच और तकनीकी साक्ष्य उनके दावे पर गंभीर सवाल खड़े कर रहे हैं।
अपहरण की कहानी: सोनम का दावा और पुलिस की शंका
सोनम ने दावा किया कि उनका अपहरण कर लिया गया था और वे इस हत्याकांड में शामिल नहीं हैं। सोनम का कहना है कि अपहरणकर्ताओं ने ही उसे गाजीपुर में उस ढाबे के पास छोड़ा था। जहां से सोनम ने मोबाइल लेकर अपने परिजनों को कॉल किया और मदद मांगी। सोनम के मुताबिक, वह जबरन शिलॉन्ग ले जाई गई थीं और वहां से किसी तरह भागकर निकलीं।
लेकिन पुलिस को सोनम की कहानी में कई विरोधाभास नजर आए हैं। न तो उनके शरीर पर किसी तरह की चोट या संघर्ष के निशान मिले, न ही उनके व्यवहार में घबराहट का कोई संकेत मिला। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि अगर वह वाकई अपहरण की शिकार थीं, तो इतने दिनों तक वे कहां और कैसे छिपी रहीं?
लोकेशन शेयरिंग: कौन भेज रहा था जानकारी?
जांच में यह सामने आया कि शिलॉन्ग यात्रा के दौरान सोनम ने लगातार राजा को लोकेशन शेयर की थी। सीसीटीवी फुटेज में भी वह फोन पर एक्टिव नजर आईं। पुलिस को शक है कि सोनम ने ही आरोपियों को ट्रैक करने और राजा के मूवमेंट्स की जानकारी देने में मदद की।
इस आधार पर शक और गहरा हो जाता है कि सोनम की भूमिका कहीं न कहीं इस पूरी साजिश में रही है।
राज कुशवाह से रिश्तों पर चुप्पी
पुलिस के अनुसार, सोनम और मुख्य आरोपी राज कुशवाह के बीच शादी से पहले से संबंध थे। राज कुशवाह पहले सोनम के घर के पास रहता था और उसके पिता की दुकान पर भी काम कर चुका था। पूछताछ में यह भी सामने आया कि राजा और सोनम की शादी के बाद भी राज और सोनम के बीच संपर्क बना रहा।
सोनम ने इस रिश्ते को लेकर अभी तक कोई सार्वजनिक सफाई नहीं दी है, जिससे संदेह और गहरा गया है।
परिवारों के दावे: दो विपरीत तस्वीरें
राजा की मां उमा रघुवंशी का कहना है कि अगर सोनम दोषी पाई जाती है तो उसे फांसी की सजा मिलनी चाहिए। उमा ने यह भी बताया कि सोनम ने राजा को जबरदस्ती शिलॉन्ग घुमने के लिए मजबूर किया था, जबकि राजा नहीं जाना चाहता था।
दूसरी ओर, सोनम के परिवार का दावा है कि वह निर्दोष है और पुलिस उसे झूठा फंसा रही है। सोनम की मां ने कहा कि उन्हें खुशी है कि उनकी बेटी मिल गई, लेकिन राजा की मौत का दुख भी है।
गाजीपुर से गिरफ्तारी और मानसिक स्थिति पर सवाल
सोनम को गाजीपुर के एक ढाबे से बरामद किया गया, जहां उसने रोते हुए अपने भाई को कॉल किया था। ढाबे के मालिक और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, वह मानसिक रूप से विचलित लग रही थी और उसके बोलने का तरीका सामान्य नहीं था।
यह मानसिक स्थिति अब जांच का नया पहलू बन गई है। पुलिस यह भी जांच रही है कि क्या वह वाकई सदमे में थी या यह सब किसी स्क्रिप्ट का हिस्सा था।
क्या सोनम निर्दोष है या एक शातिर खिलाड़ी?
सोनम का खुद को बेगुनाह बताना उसकी मासूमियत की निशानी है या फिर एक योजनाबद्ध चाल? यह सवाल अभी अनुत्तरित है। पुलिस द्वारा जुटाए जा रहे तकनीकी साक्ष्य, आरोपियों की पूछताछ और सोनम के फोन डेटा से आने वाले दिनों में इस रहस्य से पर्दा उठ सकता है।
CBI जांच की मांग और बढ़ती राजनीति
राजा के परिवार ने इस मामले में CBI जांच की मांग की है। वहीं सोनम के पिता देवी सिंह का कहना है कि मेघालय पुलिस झूठी कहानी बना रही है और उनकी बेटी को फंसाया जा रहा है।
अब यह देखना बाकी है कि क्या सोनम वाकई निर्दोष साबित होती हैं या यह कहानी एक बेहद सोच-समझकर रची गई साजिश का हिस्सा है।