यूपी जल निगम भर्ती मामले में आजम खान को झटका, जमानत याचिका खारिज

लखनऊ. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने पूर्व मंत्री आजम खान (Samajwadi Party MP Azam Khan) को समाजवादी पार्टी की सरकार में यूपी जल निगम में इंजीनियर, क्लर्क और स्टेनोग्राफर के 1300 पदों पर भर्ती मामले में बड़ा झटका लगा है. जल निगम भर्ती घोटाले (Up Jal Nigam Recruitment Case) में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की विशेष अदालत ने शुक्रवार को पूर्व मंत्री और रामपुर संसदीय क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के सांसद मोहम्मद आजम खान की जमानत याचिका खारिज कर दी. सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने प्रथम दृष्टया आजम खान के अपराध को गंभीर करार दिया. जल निगम भर्ती घोटाले में सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने आजम खान के अपराध को प्रथम दृष्टया गंभीर बताते हुए जमानत अर्जी को खारिज कर दिया.

बता दें कि सपा सरकार में जल निगम में 1300 पदों पर हुई भर्तियों में गड़बड़ी के गंभीर आरोप लगे थे. 2017 में योगी सरकार के बनने के बाद शासन ने पूरे मामले की जांच एसआईटी को सौंपी थी. एसआईटी ने 22 सितंबर 2017 को जल निगम मुख्यालय में छापा मारकर भर्ती से जुड़े तमाम मूल दस्तावेज अपने कब्जे में ले लिए थे. भर्तियों के समय आजम खान जल निगम के चेयरमैन थे. एसआईटी की जांच में भर्ती परीक्षा कराने वाली एजेंसी एप्टेक से लेकर तमाम अधिकारियों और आजम खान की जांच की गई थी. जिसके बाद 29 मार्च 2018 को एसआईटी ने शासन को अपनी जांच रिपोर्ट भेजकर मामले में एफआईआर दर्ज कराने की सिफारिश की थी.

25 अप्रैल 2018 को पूर्व मंत्री आजम खान, जल निगम के तत्कालीन एमडी पीके आसुदानी, नगर विकास के पूर्व सचिव एसपी सिंह, आजम खान के तत्कालीन ओएसडी सैयद आफाक अहमद और तत्कालीन चीफ इंजीनियर अनिल कुमार खरे समेत अन्य के खिलाफ गबन, धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश, सबूत मिटाने और एंटी करप्शन एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज हुई थी. विवेचना के दौरान एसआईटी ने आजम खान और अन्य अभियुक्तों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. बीती 15 जुलाई को सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने इस मामले में अभियुक्त आजम खान और गिरीश चंद्र श्रीवास्तव के खिलाफ आईपीसी की धारा 201, 204, 420 ,467, 468, 471, 120बी और एंटी करप्शन एक्ट की धारा 13 के तहत संज्ञान लिया गयो.

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