अपना दल को झटका, बागी विधायक आरके वर्मा थामेंगे सपा का हाथ

अपना दल से दिया हुए इस्तीफा, करेंगे साईकिल की सवारी

प्रतापगढ़: उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर नेताओं के पाला बदले का सिलसिला जारी है. प्रतापगढ़ में भी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक हलचल तेज़ है। टिकट न मिलने पर प्रत्याशी बड़ी तेजी से दलबदल की मुहिम में जुटे हुए हैं। इस बीच खबर है कि अपना दल (एस) अनुप्रिया गुट के बागी विधायक आरके वर्मा 16 जनवरी को सपा का दामन थाम कर साईकल की सवारी कर सकते हैं। इसलिए उन्होंने अपना दल (एस) से नाता तोड़ते हुए इस्तीफा भी दे दिया।

आरके वर्मा सपा खेमें में काफी समय सेहैं सक्रिय

बका दे कि विश्वनाथगंज विधायक डॉ. आरके वर्मा सपा खेमे में काफी समय से सक्रिय चल रहे थे। सपा के बड़े कार्यक्रम में उनकी मौजूदगी भी रहती थी, जिसके चलते अपना दल एस ने कुछ दिनों पहले पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते विधायक आरके वर्मा को पार्टी से निलंबित कर दिया था, जिसके बाद जिले का सियासी तापमान बढ़ा हुआ है। आरके वर्मा विश्वनाथगंज विधानसभा से दो बार अपना दल-भाजपा के गठबंधन से विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं।

जाने आरके वर्ना के बारें में

दरअसल, 2014 उपचुनाव में डॉ. आरके वर्मा अपना दल से चुनाव लड़े  थे और जीत हासिल की थ।  इसके बाद फिर 2017 में अपना दल और भाजपा गठबंधन से चुनावी मैदान में उतरे वर्मा ने विश्वनाथगंज विधानसभा सीट से जीत हासिल की।  लेकिन अब आरके वर्मा ने भाजपा सरकार पर लोकतंत्र विरोधी और उसको बढ़ावा देने का आरोप लगाया है।

अनुप्रिया ये मंत्री बनने को लेकर हो गया मनमुटाव

मिली जानकारी के मुताबिक  विधायक आरके वर्मा अपना दल एस की सुप्रीमो से सालों से नाराज हैं। विधायक आरके वर्मा ने 2014 में अपना दल का सूखा खत्म किया था और इस सीट पर जीत दर्ज की थी। हाालंकि, 2017 विधानसभा चुनाव जीतने के बाद अनुप्रिया पटेल से मंत्री पद को लेकर उनका मनमुटाव हो गया, जिसके बाद से ही विधायक आरके वर्मा ने अपना दल एस से किनारा कर लिया।

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