ब्रेकिंग: शारदा में डूबे 4 बच्चे, 2 के शव बरामद.. 2 की तलाश जारी, एक शर्त के चक्कर में गई मासूमों की जान

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी और सीतापुर जिले की सीमा पर बहने वाली शारदा नदी शुक्रवार को एक दर्दनाक हादसे का गवाह बनी। ईसानगर थाना क्षेत्र के कटौली गांव के चार बच्चे नदी में नहाते समय डूब गए। इनमें से दो बच्चों के शव बरामद कर लिए गए हैं, जबकि अन्य दो की तलाश लगातार जारी है। हादसे के बाद पूरे इलाके में मातम पसरा हुआ है।
तैरते हुए पार करना चाह रहे थे नदी, गहराई बनी काल
प्राप्त जानकारी के अनुसार, शुक्रवार को चार बच्चे—शीबू (14), उत्कर्ष (12) और उनके दो साथी—सीतापुर जिले के तंबौर थाना क्षेत्र स्थित मानपुर घाट पर नहाने के लिए गए थे। बच्चों की योजना नदी पार कर वापस लखीमपुर खीरी के ईसानगर क्षेत्र में आने की थी। बताया जा रहा है कि बच्चों ने शर्त लगाई थी कि कौन नदी पार कर के वापस आ जाएगा। लेकिन नदी का पानी गहरा होने के कारण वे बीच में ही डूबने लगे और चीख-पुकार मच गई।
पुलिस और गोताखोरों ने चलाया रेस्क्यू ऑपरेशन
हादसे के तुरंत बाद आसपास मौजूद लोगों ने शोर मचाया और पुलिस को सूचना दी। कुछ ही देर में लखीमपुर के ईसानगर थाना और सीतापुर के तंबौर थाना की पुलिस मौके पर पहुंच गई। गोताखोरों की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। काफी मशक्कत के बाद दो बच्चों के शव बरामद किए गए, जिनकी पहचान शीबू और उत्कर्ष के रूप में हुई है।
दो मासूमों की तलाश अब भी जारी
अन्य दो बच्चों की तलाश अभी भी जारी है। गोताखोर और राहत टीम लगातार नदी के अलग-अलग हिस्सों में तलाश कर रहे हैं। बच्चों के परिवारों का रो-रोकर बुरा हाल है। गांव में मातम छाया हुआ है। लोगों का कहना है कि यह घटना प्रशासन और परिवार, दोनों के लिए चेतावनी है कि बच्चों को बिना सुरक्षा उपायों के नदी या तालाब में भेजना बेहद खतरनाक हो सकता है।
हर साल होते हैं ऐसे हादसे, प्रशासन उठाए ठोस कदम
घटनास्थल पर मौजूद स्थानीय लोगों ने प्रशासन से नदी के घाटों पर सुरक्षा इंतजाम मजबूत करने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि शारदा नदी में हर साल इस तरह की घटनाएं होती हैं, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के चलते कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता। न तो कोई चेतावनी बोर्ड लगाया गया है, न ही किसी गार्ड की व्यवस्था होती है।
प्रशासन ने कहा—जिम्मेदारियों का होगा निर्धारण, रेस्क्यू जारी
ईसानगर थाना प्रभारी ने बताया कि यह एक गंभीर मामला है और जांच के बाद संबंधित अधिकारियों और जिम्मेदार लोगों की भूमिका तय की जाएगी। फिलहाल प्राथमिकता बच्चों की तलाश करना है। SDRF की मदद भी ली जा सकती है।