पलायन की एक PIL को SC ने किया खारिज, मजदूरों को होटल और रिसॉर्ट का इस्तेमाल करने पर डाली गई थी PIL

भारत में कोरोनावायरस के मद्देनजर लॉक डाउन किया गया है। वहीं इस लॉक डाउन से बहुत से लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। बहुत से लोग एक जगह से दूसरी जगह पलायन करने को मजबूर हो चुके हैं। वहीं अब बड़ी खबर है कि मजदूरों की पलायन से जुड़ी याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। वकीलों द्वारा याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लाखों लोगों के पास लाखों विचार हैं। हम सभी के विचार नहीं सुन सकते और इसके लिए सरकार को बाध्य नहीं कर सकते। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसमें होटल और रिसॉर्ट्स का इस्तेमाल प्रवासी मजदूरों के लिए किए जाने की मांग की गई थी। दलील थी कि शेल्टर होम में पर्याप्त स्वच्छता और सुविधा नहीं मिल पा रही है। इस याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को खारिज कर दिया।

वहीं याचिकाओं पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने आपत्ति जताई थी और कहा था कि पीआईएल की दुकानों को बंद करना चाहिए। जिसको असल में मदद करनी होती है, वह जमीन पर काम करता है। एसी कमरों में बैठना और जनहित याचिका दाखिल करने से कोई फायदा नहीं होता। अगर अदालत प्रवासियों और मजदूरों पर विस्तृत रिपोर्ट चाहती है तो हम दायर करेंगे। एसजी तुषार मेहता ने कहा कि मजदूरों के पलायन के मसले पर अदालतों से विशेष निर्देशों की कोई आवश्यकता नहीं है। राज्य सरकारें पहले से ही आवश्यकतानुसार भवन, स्कूल, होटल आदि में व्यवस्था कर रही हैं। अगर जरूरत हुई तो हम और भी प्रबंध करेंगे।

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