ICU से Satyapal Malik का धमाका: मौत से पहले किए बड़े खुलासे, कई चेहरे हुए बेनकाब! 150 करोड़ की रिश्वत..

पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का निधन भले ही अब देश को शोक में डुबो चुका हो, लेकिन उन्होंने अपनी आखिरी सांसों तक सच्चाई को सामने लाने की कोशिश की।
7 जून 2025 को किए गए एक ट्वीट में मलिक ने ICU से बेहद भावुक और विस्फोटक बयान जारी किया था। उन्होंने अपनी गंभीर बीमारी के बीच भ्रष्टाचार, पुलवामा हमला, किसान आंदोलन और महिला पहलवानों के संघर्ष जैसे मुद्दों पर अपने अनुभव साझा किए थे, जो अब उनकी अंतिम राजनीतिक गवाही के रूप में देखे जा रहे हैं।
ICU से ट्वीट कर बोले- मेरी हालत गंभीर है, अब सच्चाई बताना ज़रूरी है
सत्यपाल मलिक ने लिखा,
“मैं पिछले लगभग एक महीने से अस्पताल में भर्ती हूं और किडनी की समस्या से जूझ रहा हूं। परसों ठीक था लेकिन आज फिर ICU में शिफ्ट करना पड़ा। मेरी हालत बहुत गंभीर होती जा रही है।”
इस भावुक शुरुआत के बाद उन्होंने सीधे देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि चाहे वह रहें या न रहें, वह देश को सच्चाई बताना चाहते हैं।
भ्रष्टाचार के खिलाफ खुला मोर्चा, बोले- 150 करोड़ की रिश्वत ठुकराई
पूर्व गवर्नर ने सबसे सनसनीखेज खुलासा करते हुए लिखा कि जब वे गवर्नर के पद पर थे, तब उन्हें 150-150 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी। लेकिन उन्होंने अपने राजनीतिक गुरु स्व. चौधरी चरण सिंह की ईमानदार नीतियों का पालन करते हुए इन प्रस्तावों को सिरे से खारिज कर दिया।
“मेरा ईमान वो कभी डिगा नहीं सके,” उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा।
किसान आंदोलन और महिला पहलवानों के साथ खड़े होने की कीमत चुकाई?
मलिक ने लिखा कि उन्होंने गवर्नर के पद पर रहते हुए किसान आंदोलन के पक्ष में आवाज उठाई और महिला पहलवानों के संघर्ष के साथ भी खड़े रहे।
“मैंने जंतर-मंतर से लेकर इंडिया गेट तक उनकी हर लड़ाई में उनका साथ दिया।”
इससे यह स्पष्ट होता है कि उन्होंने संवेदनशील और सरकार के खिलाफ उठे आंदोलनों के पक्ष में रहते हुए राजनीतिक जोखिम उठाए।
पुलवामा हमले पर सवाल: आज तक नहीं हुई जांच
एक और बड़े खुलासे में सत्यपाल मलिक ने कहा कि उन्होंने पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों के मामले को उठाया, लेकिन आज तक इस सरकार ने कोई जांच नहीं करवाई। उनका यह बयान सरकार पर सीधा सवाल है कि क्यों इतने बड़े आतंकी हमले की जांच ठंडे बस्ते में डाल दी गई?
https://twitter.com/SatyapalMalik6/status/1931269704787574993
CBI का डर और साजिश का आरोप
मलिक ने दावा किया कि सरकार उन्हें झूठे मामलों में फंसाने के लिए CBI की धमकी दे रही है।
उन्होंने लिखा,
“जिस टेंडर में मुझे फंसाने की कोशिश हो रही है, उसे मैंने खुद प्रधानमंत्री को करप्शन की जानकारी देकर निरस्त किया था।”
उन्होंने यह भी कहा कि उनके तबादले के बाद ही किसी और के हस्ताक्षर से वह टेंडर पास हुआ।
“ना डरूंगा, ना झुकूंगा” – सरकार और एजेंसियों को सीधी चुनौती
अपने ट्वीट में मलिक ने कहा,
“मैं किसान कौम से हूं, ना डरूंगा, ना झुकूंगा। सरकार ने मुझे बदनाम करने में पूरी ताकत लगा दी।”
उन्होंने सरकार और एजेंसियों से अपील की कि अगर उनके खिलाफ कुछ मिला हो तो देश को सच्चाई बताई जाए।
“अगर अमीर होता तो प्राइवेट अस्पताल में इलाज करवा रहा होता”
अपने राजनीतिक जीवन की सादगी और ईमानदारी का उदाहरण देते हुए उन्होंने लिखा,
“50 साल से ज़्यादा की सेवा के बाद भी मैं एक कमरे के मकान में रहता हूं और कर्ज में डूबा हूं। अगर धन होता तो प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज करवा रहा होता।”
अंतिम शब्दों में ही छोड़ गए राजनीति और ईमानदारी की मिसाल
पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक का यह ट्वीट न केवल भावनात्मक दस्तावेज है, बल्कि एक वरिष्ठ नेता की राजनीतिक विरासत का बयान भी है।
जिस साहस और स्पष्टता से उन्होंने सरकार के खिलाफ सवाल उठाए, वह आने वाले समय में देश की राजनीति में बहस और विमर्श का विषय बनेगा।
सत्यपाल मलिक ने जाते-जाते उठाए सवाल
सत्यपाल मलिक ने जाते-जाते जो सवाल उठाए हैं, वे केवल उनकी निजी पीड़ा नहीं, बल्कि एक ईमानदार राजनेता की चेतावनी हैं। उनके खुलासे पुलवामा से लेकर किसानों और पहलवानों के संघर्ष तक, सरकार की जवाबदेही पर सवाल उठाते हैं। अब यह देश और लोकतंत्र के लिए जरूरी है कि इन सवालों की जांच हो, ताकि सच्चाई सामने आ सके।