दुश्मनों के छक्के छुड़ाएगी कानपुर में बनी सारंग तोप

पहाड़ों में छिपे हुए दुश्मनों के ठिकानों के तबाह करने और दुनिया की किसी भी आर्टिलरी गन पर भारी पडऩे वाली सारंग तोप को कानपुर की एडवांस्ड वेपेन्स एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड (पहले आयउध निर्माणी बोर्ड)में तैयार किया गया है. यह तोप इजरायल की सोल्टम आर्टिलरी गन का अपग्रेड वर्जन है. इसे मेक इन इंडिया के तहत देश में बनी पूर्णत: स्वदेशी तोप है. बेशुमार ताकत वाली यह तोप किसी भी रीजन में दुश्मनों के छक्के छुड़ाने में माहिर है.

155mm हुआ ट्यूब साइज होने से 10 किलोमीटर मारक क्षमता बढ़ी
एडवांस्ड वेपेन्स एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड (AWEIL) के कार्य प्रबंधक अनुराग तिवारी ने बताया कि इजरायल की सोल्टम आर्टलरी गन को कानपुर की में अपग्रेड किया गया.अपग्रेडेशन के तहत इसके ट्यूब साइज को को 135mm की जगह 155mm किया गया है. जिससे इसकी मारक क्षमता में इजाफा हुआ है.पहले इसकी मारक क्षमता 25 से 28 किलोमीटर थी जो अपग्रेडेशन के बाद बढ़कर करीब 38 किलोमीटर हो गई है. इसके अलावा इसके कैलिबर को भी अपडेट करके 45 किया गया. जिससे इसकी मारक क्षमता में और सटीकता भी आई है.

किसी भी मौसम में हमला करने में सक्षम
सारंग का परीक्षण सिक्किम की बेहद ऊंचाई वाले इलाकों से लेकर जैसलमेर के तपते रेगिस्तान में किया गया. दोनों ही माहौल में ये सौ फीसदी सफल रही. किसी भी मौसम में यह दुश्मनों पर काल बनकर गोलों की वर्षा कर सकती है. इसकी ताकत इसकी एक्यूरेसी है, जो दुनिया की किसी तोप में नहीं पाई जाती.

नाटो की तर्ज पर ट्यूब साइज को किया गया 155mm
देश में नाटो देश की तर्ज पर आयुध तैयार किए जा रहे हैं. निर्माणियों में भी अब तोप आदि के ट्यूब साइज 155 mm व 45 कैलिबर बनाए जाते है. इसके अलावा 130mm वाली सभी तोपों, टैंकों को 155 कैलिबर में अपग्रेड किया गया. सबसे पहले नाटो देशों में ऐसा हुआ. इसकी प्रमुख वजह सभी तोपों में एक ही साइज के गोले आदि लग सकें. इस परिवर्तन के चलते अब अलग-अलग किस्म के गोले आदि भी नहीं तैयार करने पड़ेंगे. इससे उत्पादन भी तेजी से हो सकेगा.

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