लोकसभा में कृषि कानून को लेकर बवाल, जानिए राहुल को मिला किसका साथ

नई दिल्ली
लोकसभा में गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गाँधी  के भाषण के दौरान उस वक्त जमकर हंगामा मच गया, जब उन्होंने बजट पर चर्चा के दौरान अपने भाषण में किसान आंदोलन और कृषि कानून को लेकर बहस शुरू कर दी। सत्ता पक्ष के लोगों ने इसे नियमों के खिलाफ बताकर राहुल गांधी से बजट पर अपनी बात रखने की मांग की। इस दौरान सदन में मौजूद टीएमसी (तृणमूल कांग्रेस) के सांसदों ने राहुल गांधी का पक्ष लिया और उन्हें बोलने न देने पर सत्ताधारी दल के सांसदों की आलोचना की।

दरअसल, बजट पर चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी को जब बोलने का मौका मिला तब उन्होंने कृषि कानूनों का मुद्दा उठा दिया। उन्होंने कहा कि कृषि कानून के इंटेंट और कंटेंट पर बात न किए जाने पर मोदी सरकार ने चिंता जताई थी, इसलिए आज वह उस पर बात करेंगे। राहुल ने इसके बाद कृषि कानूनों की व्याख्या करते हुए कहा कि इससे उद्योगपतियों को असीमित जमाखोरी का अधिकार दे दिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह ‘हम दो हमारे दो’ की सरकार है।

राहुल का निशाना पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह, अंबानी और अडानी की ओर था। इसे लेकर सत्ता पक्ष के सांसदों ने सदन में हंगामा शुरू कर दिया। बीजेपी के एक सांसद ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा खत्म हो गई है। ऐसे में अब उस पर चर्चा करके राहुल स्पीकर का अपमान कर रहे हैं। रूल बुक दिखाते हुए उन्होंने कहा कि मैं उन्हें (राहुल गांधी को) याद दिलाना चाहता हूं कि वह केवल बजट पर चर्चा करें। उन्होंने राहुल गांधी से उनके आरोपों को सिद्ध करने की भी चुनौती दी।

इसके बाद अधीर रंजन चौधरी खड़े हुए और नियम बताते हुए कहा कि सदन में जनरल डिस्कशन की अनुमति है। बजट में एग्रीकल्चर का भी मुद्दा है, इसलिए इस पर बहस करना गलत नहीं है। अधीर रंजन के बाद टीएमसी सांसद सौगत रॉय भी राहुल गांधी के समर्थन में खड़े हो गए। उन्होंने स्पीकर को नियम समझाते हुए कहा कि अगर कोई माननीय सदस्य अपनी बात रख रहे हों तो उन्हें शोर या किसी अनुचित तरीके से डिस्टर्ब नहीं किया जाना चाहिए। फिर (सत्ता पक्ष के) लोग राहुल गांधी को डिस्टर्ब क्यों कर रहे हैं?
इतना ही नहीं, राहुल गांधी ने अपने भाषण के अंत में किसान आंदोलन के दौरान मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि न देने पर सरकार की आलोचना की। उन्होंने अपील की कि अपने भाषण के अंत में वह आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को श्रद्धांजलि देंगे, तब सभी सांसद उनका साथ दें। इसके बाद जब राहुल किसानों को श्रद्धांजलि देते हुए मौन हुए तो कांग्रेस सांसदों के साथ टीएमसी के सांसद भी खड़े हुए और किसानों को श्रद्धांजलि दी। टीएमसी के अलावा डीएमके के सांसदों ने भी खड़े होकर किसानों को श्रद्धांजलि दी। हालांकि, सत्ता पक्ष के सांसद राहुल का विरोध करते रहे।

Related Articles

Back to top button