रिटायर चिकित्सक, नर्स, पैरा मेडिकल स्टाफ की होगी भर्ती

लखनऊ  उत्तर प्रदेश में कोरोना संकट काल के समय बड़े पैमाने पर पैरा मेडिकल स्टाफ को मानदेय पर नियुक्त किया जा रहा है। इससे पहले सरकार कोविड ड्यूटी कर रहे चिकित्सकों, नर्सों, पैरा मेडिकल स्टाफ और सफाई कार्मियों को मूल वेतन पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त प्रोत्साहन धनराशि देने की घोषणा कर चुकी है।

गुरूवार को इन दोनों प्रस्तावों पर योगी मंत्रिमंडल ने मुहर लगा दी है। इस बाबत आदेश भी जारी कर दिया गया है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि श्री योगी के निर्देश पर कोविड अस्पतालों में कार्यरत चिकित्सकों, नर्सों, पैरा मेडिकल स्टाफ और सफाई कार्मियों को चाहे वह नियमित रूप से नियुक्त हों या आउटसोर्सिंग के आधार पर उनकी नियुक्ति हो, उन्हें वर्तमान में दिए जा रहे मूल वेतन या मानदेय पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त प्रोत्साहन धनराशि दी जाएगी। कोविड अस्पतालों में आवश्यकतानुसार एमबीबीएस इंटर्न , एमएससी नर्सिंग छात्र-छात्राओं, बीएससी नर्सिंग छात्र-छात्राओं, एमबीबीएस अन्तिम वर्ष और जीएनएम छात्र-छात्राओं को भी दैनिक मानदेय पर तैनात किया जाएगा।

चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने बताया कि यह प्रोत्साहन राशि एक मई से 31 जुलाई तक लागू रहेगी। निजी क्षेत्र और सेवानिवृत्त चिकित्सक, नर्स, पैरा मेडिकल स्टाफ को भी कोविड वार्डों में ड्यूटी के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से उन्हें भी मानदेय के आधार पर इन्गेज किया जाएगा। इसके लिए उन्हें एनएचएम द्वारा स्वीकृत दर पर मानदेय और उस पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त प्रोत्साहन धनराशि दी जाएगी।

राजकीय चिकित्सालयों में कोविड-19 सैम्पल की जांच के लिए लैबों और उनसे संबंधित क्षेत्रों में तैनात किए जाने वाले मालिक्यूलर माइक्रो बायोलॉजिस्ट, लैब टेक्नीशियन, डाटा इंट्री आपरेटर, लैब अटेंडेंट को इनके मूल वेतन या मानदेय की राशि पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त धनराशि प्रोत्साहन के रूप में दी जाएगी। डेडीकेटेड कोविड वार्ड और कोविड जांच लैबों में की गई ड्यूटी दिवसों के आधार पर ही भुगतान किया जाएगा। एक्टिव क्वारंटाइन की अवधि को भी ड्यूटी दिवसों में जोड़ा जाएगा।

उन्होने बताया कि निजी क्षेत्र और सेवानिवृत्त चिकित्सक, नर्स, पैरा मेडिकल स्टाफ की सेवाएं लिए जाने के लिए संबंधित विभागों द्वारा केन्द्रीयकृत रूप से विज्ञप्ति प्रकाशित की जाएगी, लेकिन भर्ती की प्रक्रिया विकेन्द्रीकृत रहेगी। चिकित्सा शिक्षा विभाग में इसके लिए प्रधानाचार्य या संस्थान निदेशक अधिकृत होंगे। जबकि चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग में जिला स्वास्थ्य समिति इस कार्य को करेगी। इन कर्मचारियों के लिए महीने में कम से कम 14 दिन की कोविड ड्यूटी अनिवार्य होगी। इन कर्मचारियों को शासन के वर्तमान नीति के अनुसार भोजन और एक्टिव क्वारण्टाइन की सुविधा भी दी जाएगी।

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