दिग्विजय के बेटे जयवर्धन की भी बढ़ीं मुश्किलें, जानने के लिए पढ़े पूरी खबर

दिग्विजय सिंह के बेटे व कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने मारपीट और धमकाने के एक मामले में जयवर्धन सिंह को पक्षकार बनाया है। पुलिस ने इस मामले में जयवर्धन सिंह को आरोपी नहीं बनाया था जिसके बाद पीड़ित ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था जिस पर अब कोर्ट ने जयवर्धन सिंह को पक्षकार बनाया। मामले की अगली सुनवाई 21 अप्रैल को होगी।

ये है मामला

जिस मामले में जयवर्धन सिंह को हाईकोर्ट ने पक्षकार बनाया है वो साल 2015-16 का है। तब विजयपुर की फैक्ट्री में लेबर सप्लायर विश्वंभर लाल के साथ राघोगढ़ के किले में मारपीट हुई थी। जिसके बाद विश्वंभर ने दिग्जिवय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह पर अपहरण कर मारपीट का आरोप लगाया था, उसने थाने में भी शिकायत की। लेकिन पुलिस ने FIR में जयवर्धन को आरोपी नहीं बनाया था। जिसके कारण पीड़ित विश्वंभर लाल ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

दिग्विजय सिंह की याचिका खारिज

बता दें कि एक दिन पहले ही दिग्विजय सिंह को मानहानि के मामले में झटका लगा था और एमपी एमएलए कोर्ट ने उनका आवेदन खारिज कर दिया था। अपने आवेदन में दिग्विजय सिंह ने कहा था कि जो सीडी पेश की गयी है, उसकी कोई प्रमाणिकता नहीं है, जिससे उस सीडी की सत्यता साबित हो सके। इसलिए सीडी की फॉरेंसिक जांच होनी चाहिए। लेकिन कोर्ट ने दिग्विजय सिंह की ओर से की जा रही CD की फोरेंसिक जांच का मांग खारिज कर दिया था। बता दें कि भिंड में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिग्विजय सिंह ने कहा था कि एक बात मत भूलिए, जितने भी पाकिस्तान के लिए जासूसी करते पाए गए हैं, वह भाजपा, आरएसएस व बजरंग दल से पैसे ले रहे हैं। इसी को आधार बनाकर ग्वालियर के एडवोकेट ने कोर्ट में दिग्विजय के खिलाफ मानहानि का मुकदमा पेश किया था।

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