24वीं बटालियन के असिस्टेंट कमांडेंट ने खाई 50 नींद की गोलियां, बेटी के बड़े अफसरों पर चौंकाने वाले आरोप !

मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के जावरा में 24वीं बटालियन के असिस्टेंट कमांडेंट रामबाबू पाठक ने शुक्रवार को डिप्रेशन की 50 गोलियां खाकर आत्महत्या की कोशिश की। यह मामला सिर्फ एक अफसर की मानसिक स्थिति का नहीं, बल्कि पूरे सुरक्षा बल की कार्यसंस्कृति पर सवाल उठा रहा है। उनकी बेटी और पत्नी ने कई सीनियर अधिकारियों पर मानसिक प्रताड़ना का गंभीर आरोप लगाया है।
डिप्रेशन में थे रामबाबू पाठक, सुसाइड नोट भी लिखा
रामबाबू शुक्रवार सुबह बटालियन की परेड में शामिल हुए थे। इसके कुछ ही देर बाद उन्होंने घर पर डिप्रेशन की लगभग 50 गोलियां खा लीं। परिजन उन्हें पहले एक प्राइवेट क्लिनिक, फिर रतलाम मेडिकल कॉलेज और अंत में इंदौर के बॉम्बे हॉस्पिटल ले गए। उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। बेटी मुस्कान के मुताबिक, उन्होंने फेसबुक पर एक सुसाइड नोट भी पोस्ट किया था, जो बाद में डिलीट कर दिया गया।
“उन्होंने एक लेटर में लिखा कि अब मैं काम नहीं करना चाहता, थक गया हूं” — मुस्कान, बेटी
रोज़ कहते थे “लाइफ खत्म कर लूंगा”
परिवार का दावा है कि रामबाबू 2020 से डिप्रेशन का इलाज करवा रहे थे। डॉक्टरों ने उन्हें ड्यूटी से हटाने की सलाह भी दी थी, लेकिन विभाग ने इसे ‘बहाना’ करार दिया। बेटी ने कहा कि वो VRS (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) लेना चाहते थे।
“हम एसपी सर को भी मिल चुके थे, पर किसी ने गंभीरता से नहीं लिया” — मुस्कान
बिना गलती के विभागीय जांच
परिजनों का कहना है कि 23वीं बटालियन में रामबाबू पाठक पर बिना किसी ठोस कारण के विभागीय जांच शुरू की गई। बाद में जांच में उनकी कोई गलती नहीं निकली। लेकिन जबसे वे 24वीं बटालियन में आए, वहां भी उन्हें लगातार मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया।
“हमने DGP से लेकर ADG तक गुहार लगाई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई” — मुस्कान
अफसरों ने जानबूझकर ACR खराब की: बेटी का आरोप
रामबाबू की बेटी मुस्कान ने अफसरों के नाम गिनाते हुए कहा कि मोहम्मद कुरैशी, कृष्णावेणी देशावतु, मिलिंद तानेश्वर, इरशाद वली, राहुल लोढ़ा, और अमित तोलानी जैसे अधिकारी उन्हें मानसिक रूप से परेशान कर रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि जानबूझकर उनके पिता की तीन ACR (Annual Confidential Report) खराब कर दी गई।
“उनका एक भी काम पेंडिंग नहीं था, फिर भी जीने नहीं दिया गया” — मुस्कान
बेटे ने छोड़ी पढ़ाई, इंदौर रवाना
रामबाबू का एक बेटा भोपाल में पढ़ाई कर रहा है। जैसे ही उसे खबर मिली, वह इंदौर के लिए रवाना हो गया। इस वक्त परिवार इंदौर के बॉम्बे हॉस्पिटल में इलाज में जुटा है, और बेटी मुस्कान इंसाफ के लिए आवाज़ उठा रही है।
सिस्टम की संवेदनहीनता का खामियाज़ा भुगत रहे अधिकारी
यह घटना सिर्फ एक अफसर की आत्महत्या की कोशिश नहीं है, बल्कि पुलिस और सुरक्षाबलों में भीतर ही भीतर पनप रहे मानसिक दबाव और अफसरशाही की असंवेदनशीलता को उजागर करती है।