अफगानिस्तान की महिला सांसद का दर्द

रंगीना करगर को 16 घंटे दिल्ली एयरपोर्ट पर बैठाने के बाद इंस्ताबुल भेजा, विदेश मंत्रालय ने माफी मांगी, दिया ई-वीजा का प्रस्ताव

भारत के शरण में आईं अफगानिस्तान की महिला सांसद रंगीना करगर को दिल्ली एयरपोर्ट पर 16 घंटे के इंतजार करवाने के बाद वापस इंस्ताबुल भेज दिया गया। रंगीना को 20 अगस्त को दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर रोका गया था। हालांकि, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इसे अनजाने में हुई भूल बताया है।

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, भारत सरकार ने रंगीना करगर से संपर्क कर घटना के लिए माफी मांगी है। सरकार ने अफगान सांसद से इमरजेंसी वीजा के लिए आवेदन करने को भी कहा है। सूत्रों के मुताबिक, अफगानिस्तान मसले पर हुई सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, आनंद शर्मा और अधीर रंजन चौधरी ने इस मुद्दे को उठाया था।

बैठक के बाद खड़गे ने मीडिया से कहा, ‘हमने महिला सांसद को डिपोर्ट किए जाने का मुद्दा उठाया। जयशंकर ने कहा कि वो एक गलती थी और ऐसी घटना भविष्य में दोबारा नहीं होगी। सरकार ने खेद जताया है।’

बेटी अवेझा करगर के साथ अफगानी सांसद रंगीना करगर।

सरकार ने सांसद से माफी मांगी, ई-इमरजेंसी वीजा अप्लाई करने को कहा
भारत सरकार ने रंगीना करगर से संपर्क किया है और उनसे इमरजेंसी वीजा के लिए आवेदन करने का निवेदन किया है। रंगीना करगर ने कहा, भारत के विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने मुझसे बात की थी। उन्होंने घटना के लिए माफी मांगी और मुझे ई-इमरजेंसी वीजा के लिए आवेदन करने को कहा। मैंने उनसे पूछा कि क्या आधिकारिक पासपोर्ट अब वैध नहीं है तो उन्होंने जवाब नहीं दिया।”

इस्तांबुल से फ्लाई दुबई की फ्लाइट से दिल्ली पहुंची थीं
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, महिला सांसद 20 अगस्त को इस्तांबुल से फ्लाई दुबई की फ्लाइट से दिल्ली पहुंची थीं। उन्होंने बताया कि उनके पास राजनयिक-आधिकारिक पासपोर्ट है, जो भारत के साथ समझौते के तहत वीजा-मुक्त यात्रा की सुविधा देता है।

करगर ने कहा कि वो इस पासपोर्ट पर कई बार भारत की यात्रा कर चुकी हैं और उन्हें हर बार आने दिया गया था। लेकिन इस बार इमिग्रेशन अधिकारियों ने उन्हें रुकने को कहा। जब उन्होंने वजह पूछी तो अधिकारियों ने बताया कि उन्हें अपने वरिष्ठों से बात करनी होगी।

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