पहले ‘धनखड़’ का इस्तीफा, अब यह Video.. उपसभापति के कान में क्या कहा ? सुबह तक स्थगित हुई कार्यवाही

22 जुलाई को राज्यसभा की कार्यवाही एक अभूतपूर्व राजनीतिक घटनाक्रम का गवाह बनी। संसद के मानसून सत्र के दौरान जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्ष के तीखे विरोध के चलते बार-बार स्थगन की नौबत आई। लेकिन जो बात सबसे ज्यादा चौंकाने वाली थी, वह थी राज्यसभा के सभापति के कान में कुछ कहने के बाद अचानक सदन को सुबह तक स्थगित कर देना। इस पूरे घटनाक्रम ने न सिर्फ विपक्ष, बल्कि आम जनता को भी गहरी उलझन में डाल दिया है — क्या हो रहा है देश की सबसे बड़ी पंचायत में?
विपक्ष के विरोध ने रोकी संसद की रफ्तार
दरअसल, 22 जुलाई की सुबह 11 बजे राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही सदन में विपक्ष ने जोरदार विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। महज़ एक घंटे बाद, 12 बजे तक सदन की कार्यवाही को पहले स्थगित करना पड़ा। विपक्ष के तेवर और नारेबाज़ी ने सदन को बाधित कर दिया, जिससे कोई भी चर्चा संभव नहीं हो सकी।
दोपहर में फिर हंगामा, कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित
दोपहर में कार्यवाही जैसे ही दोबारा शुरू हुई, एक बार फिर विपक्षी सांसदों ने मुद्दों को लेकर जोरदार हंगामा किया। इससे विवश होकर उपसभापति को कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। यह स्पष्ट था कि विपक्ष सरकार को घेरने के मूड में है और सदन में कामकाज आसान नहीं होने वाला।
2 बजे की कार्यवाही में अजीब मोड़ – ‘कान में कहा गया’
सबसे चौंकाने वाला घटनाक्रम 2 बजे हुआ। जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई, उपसभापति के पास एक व्यक्ति आया और उनके कान में कुछ कहा। इसके कुछ ही सेकंड बाद उपसभापति ने घोषणा कर दी कि राज्यसभा की कार्यवाही को “सुबह तक के लिए स्थगित किया जाता है”।
यह घटनाक्रम केवल अजीब ही नहीं था, बल्कि इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें देखा जा सकता है कि कोई व्यक्ति उपसभापति के कान में कह रहा है, “सुबह तक के लिए स्थगित कर दीजिए।” यह दृश्य अब चर्चा का विषय बन चुका है।
धनखड़ के इस्तीफे के बाद से लगातार गर्म है सियासत
गौरतलब है कि 21 जुलाई की शाम को राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने अचानक इस्तीफा दे दिया, जिसे राष्ट्रपति ने तुरंत स्वीकार भी कर लिया। इस इस्तीफे ने पहले ही राजनीतिक गलियारों में भूचाल ला दिया था। ऐसे में अगले ही दिन, 22 जुलाई को राज्यसभा में इस तरह की अव्यवस्थित कार्यवाही और रहस्यमयी स्थगन ने लोगों को और अधिक कन्फ्यूज कर दिया है।
क्या कुछ बड़ा होने वाला है?
इन घटनाओं को देखकर राजनीतिक विश्लेषक और जनता दोनों यही सवाल पूछ रहे हैं—क्या कुछ बड़ा होने वाला है?
- एक ओर धनखड़ का इस्तीफा
- दूसरी ओर संसद में रहस्यमयी स्थगन
- और अब उपसभापति के कान में ‘फुसफुसाकर’ आदेश दिलवाना – यह सब संकेत कर रहे हैं कि पर्दे के पीछे कुछ बड़ी हलचल जारी है।
जनता में भ्रम और चिंता
जनता यह समझ नहीं पा रही कि देश की सर्वोच्च विधायिका में आखिर चल क्या रहा है। यह सबकुछ लोकतंत्र के सामान्य संचालन से परे दिखाई देता है और यही वजह है कि सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है – “संसद चल रही है या कोई दरबारी नाटक?”
असामान्य राजनीतिक परिदृश्य
राज्यसभा की कार्यवाही का तीन बार स्थगित होना, सभापति के कान में कहकर स्थगन की घोषणा, और धनखड़ के इस्तीफे की टाइमिंग – ये सभी संकेत एक असामान्य राजनीतिक परिदृश्य की ओर इशारा करते हैं। आने वाले दिनों में स्थिति और स्पष्ट होगी, लेकिन अभी देश भर की निगाहें संसद और राष्ट्रपति भवन की तरफ टिकी हैं।