कैबिनेट विस्तार के लिए तैयार राजस्थान, ये आज ले सकते हैं मंत्री पद की शपथ

जयपुर. कांग्रेस (Congress) के शासन वाले एक और राज्य राजस्थान में भी मंत्रिमंडल में बड़े फेरबदल की तैयारी हो चुकी है. खबर है कि राज्य में कैबिनेट विस्तार की प्रक्रिया रविवार दोपहर पूरी होगी. इस दौरान 12 नए मंत्री शपथ लेंगे. शुक्रवार को मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने नए मंत्रियों के नामों का ऐलान किया. शनिवार को राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को मंत्रियों ने इस्तीफा सौंप दिया था.

कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ लेने जा रहे सदस्यों में हेमाराम चौधरी, महेंद्रजीत सिंह मालवीय, रामलाल जाट, महेश जोशी, विश्वेंद्र सिंह, रमेश मीणा, ममता भूपेश बैरवा, भजनलाल जाटव, टीकाराम जूली, गोविंदराम मेघवाल, शकुंतला रावत का नाम शामिल है. वहीं, जाहिदा, बृजेंद्र सिंह ओला, राजेंद्र गुढ़ा, मुरारीलाल मीणा राज्य मंत्री के तौर पर शपथ लेंगे. आंकड़े बताते हैं कि यह पहला मौका है, जब राजस्थान सरकार के कैबिनेट में चार मंत्री दलित होंगे. मंत्रिमंडल में अनुसूचित जनजाति से तीन मंत्री भी शामिल होंगे.

मुख्यमंत्री गहलोत ने शनिवार को राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात कर मंत्रियों के इस्तीफे सौंप दिए थे. राजस्थान मंत्री परिषद की बैठक के बाद इस्तीफे की घोषणा कर दी गई थी. यह बैठक मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास पर शनिवार शाम 7 बजे बुलाई गई थी. सभी नए मंत्रियों को रविवार को दोपहर 2 बजे कांग्रेस मुख्यालय पहुंचने के लिए कहा गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शपथ ग्रहण समारोह 4 बजे हो सकता है.

सचिन पायलट खेमे का गणित
कैबिनेट में होने जा रहे ताजा बदलावों में सचिन पायलट खेमे के 5 सदस्यों को कैबिनेट में जगह दी गई है. इसमें हेमाराम चौधरी, विश्वेंद्र सिंह, रमेश मीणा का नाम शामिल है. जबकि, मुरारी लाल मीणा और बृजेंद्र सिंह ओला राज्य मंत्री बनाए जाएंगे. पायलट की जगह गुर्जर समुदाय से आने वाली रावत को मौका दिया गया है. इससे पहले पायलट खेमे के तीन लोग मंत्रिमंडल का हिस्सा थे.

जो छूटेंगे उनका क्या?
रिपोर्ट्स के अनुसार, कैबिनेट विस्तार के दौरान छूटे नेताओं को सरकार में दूसरी जिम्मेदारियां दी जाएंगी. 7 लोगों को सलाहकार और 15 लोगों को सीएम गहलोत के संसदीय सचिव के तौर पर नियुक्ति मिलेगी. कांग्रेस में आने वाले बहुजन समाज पार्टी और निर्दलीय नेताओं को 15 संसदीय सचिवों में जगह मिलेगी. इसके बाद भी कई विधायकों को निगमों में भेजा जाएगा

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