बीजेपी-कांग्रेस में टिकट के दावेदार रहे नेता उम्मीदवारों के साथ लेकिन उनके समर्थक मानने को तैयार नहीं,

उपचुनावों में अब भीतरघात का खतरा: नाराज समर्थक बिगाड़ेंगे समीकरण

वल्लभनगर में एक चुनावी सभा का फोटो

धरियावद और वल्लभनगर सीटों के उपचुनाव में अब उम्मीदवारों की सियासी तस्वीर साफ हो चुकी है। बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियों के सामने अब खुली बगावत की जगह भीतरघात का डर सता रहा है। दोनों पार्टियों के नाराज नेता अंदरूनी तौर पर समीकरण बिगाड़ सकते हैं। धरियावद में दोनों पार्टियों को भीतरघात का डर है। दोनों सीटों पर टिकट के दावेदार रहे नेताओं को मना लिया है लेकिन मन में टीस बरकरार है, पार्टियों को इसी टीस से खतरा है।

बीजेपी ने धरियावद सीट पर ​दिवंगत विधायक गौतमलाल मीणा के बेटे ​कन्हैयलाल मीणा को प्रदेश मंत्री बनाकर नाम वापस करवा लिया। कन्हैयालाल मीणा मान भी गए और अब साथ प्रचार कर रहे हैं। कन्हैयालाल मीणा खुद मान गए हैं लेकिन उनके ग्रास रूट समर्थक मानने को तैयार नहीं हैं। जानकारों के मुताबिक कन्हैयालाल के समर्थक कई जगह न्यूट्रल रोल में आ गए हैं। उधर कांग्रेस से यहां प्रतापगढ़ विधायक रामलाल मीणा की पत्नी दावेदार थीं उनक जगह नगराज मीणा को टिकट दिया है। नगराज मीणा के विरोधी खेमे के नेता साथ तो दिख रहे हैं हैं लेकिन उनके समर्थक ग्रास रूट स्तर पर उतने सक्रिय नहीं हैं।

वल्ल्भनगर में कांग्रेस में टिकट से पहले ही बगावत थी, प्रीति शक्तावत को टिकट मिलने के बाद कांग्रेस के मंत्रियों और नेताओं ने डेमेज कंट्रोल करके किसी बागी को नामांकन नहीं करने दिया। कांग्रेस टिकट के दावेदार नेता अब वल्लभनगर में प्रचार में साथ हैं लेकिन अंदरूनी तौर पर नुकसान का खतरा बरकरार है। बीजेपी में यहां दावेदार रहे उदयलाल डांगी ने टिकट नहीं मिलने पर हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी से चुनावी मैदान में उतरकर मुकाबला रोचक बना दिया है। यहां बीजेपी के सामने तीन तरफ से चुनौती है।

टिकट कटने वाले नेताओं के समर्थक मानने को तैयार नहीं

दोनों पार्टियों के नेता सब कुछ ठीक होने का दावा कर रहे हैं लेकिन असलयित कुछ और है। टिकट के दावेदार नेता भीले ही पार्टी उम्मीदवारों के साथ आ गए, लेकिन ग्रास रूट स्तर पर वोटों को बूथ तक लाने वाले उनके समर्थक अब भी नहीं माने हैं। कांग्रेस और बीजेपी दोनों के ही रणनीतिकारों के पास यह फीडबैक है कि फील्ड में टिकट मांग रहे नेताओं के समर्थक अब मेहनत नहीं करेंगे। पार्टी के दबाव में नेता भले साथ आ गए लेकिन उनके समर्थकों को साथ लेना और उनसे काम करवाना मुश्किल है। यह मुश्किल दोनों ही पार्टियों के सामने है।

खाचरियावास बोले- कांग्रेस में टिकट के सारे दावेदार उम्मीदवार के साथ
उदयपुर के प्रभारी मंत्री और चुनाव मैनेजमेंट संभाल रहे प्रतापसिंह खाचरियावास ने कहा, वल्ल्भनगर में कांग्रेस में कोई बगावत नहीं हुई, टिकट के जितने भी दावेदार हैं वे सब प्रीति शक्तावत के साथ हैं और प्रचार कर रहे हैं। महाराणा प्रताप पर नेता प्रतिपक्ष के बयान से लोगों में नाराजगी है जिसका बीजेपी को नुकसान होगा। कांग्रेस में सब एकजुट हैं।

कटारिया बोले- कांग्रेस के दावों में दम नहीं
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा- धरियावद में परंपरागत रूप से बीजेपी मजबूत रही है, इस बार भी बीजेपी भारी है। कांग्रेस नेताओं के जीत के दावों से कुछ नहीं होता, ग्राउंड पर स्थिति अलग है। कांग्रेस वाले तो जीत का ही दावा करेंगे लेकिन समीकरण उनके पक्ष में नहीं है।

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