राजस्थान मंत्रिमंडल विस्तार पर फैसला हाईकमान का:28-29 को कांग्रेस विधायक जयपुर में ही रहेंगे,

राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार और संगठन में फेरबदल की तैयारियां तेज हो गई हैं। सत्ता और संगठन में फेरबदल के सभी फैसले पार्टी नेताओं ने हाईकमान पर छोड़ दिए हैं। रविवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में विधायकों और पार्टी पदाधिकारियों की बैठक में तय हुआ है कि प्रदेश प्रभारी अजय माकन 28 और 29 जुलाई को सभी विधायकों से वन-टू-वन चर्चा करेंगे। माना जा रहा है कि विधायकों की इस रायशुमारी के बाद मंत्रिमंडल विस्तार करके पार्टी हाईकमान राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच बैलेंस बनाएगा।

विधायकों को जयपुर में ही रहने के निर्देश जारी
कांग्रेस के सभी विधायकों को 28 और 29 जुलाई को जयपुर में रहने के निर्देश दिए गए हैं। अजय माकन सभी विधायकों से इन दो दिनों में सत्ता और संगठन के कामकाज को लेकर फीडबैक लेंगे। विधायकों की राय को वे हाईकमान के सामने रखेंगे और इसके बाद मंत्रिमंडल विस्तार होगा।

प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में विधायकों और पार्टी पदाधिकारियों की साझा बैठक के बाद प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने कहा- आपस में विरोधाभास नहीं है, सब लोग एक मत हैं। 28 और 29 तारीख को 2 दिन के लिए राजस्थान में फिर से आ रहा हूं। कांग्रेस विधायकों से एक-एक करके बात करूंगा। हम चाहते हैं कि जल्द से जल्द विधायकों की राय का AICC को भी पता होना चाहिए कि किसे जिलाध्यक्ष और ब्लॉक अध्यक्ष बना रहे हैं।

मंत्रिमंडल विस्तार की तारीख के बारे में पूछे गए सवाल पर माकन ने कहा- कोई भी ऐसी चीज को तारीख के साथ नहीं बांधना चाहते। कहीं पर भी कोई भी विरोध नहीं है। निर्णय हो चुका है। पार्टी नेताओं ने केंद्रीय नेतृत्व पर विश्वास जताया है।

बैठक में सचिन पायलट और अजय माकन आमने-सामने बैठे थे।

जो हाईकमान तय करेगा वह सभी लीडर्स को मंजूर
अजय माकन ने कहा कि हम मंत्रिमंडल विस्तार, बोर्ड कॉरपोरेशन में नियुक्तियों, जिला और ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्षों की नियुक्तियों सहित सबकी चर्चा कर रहे हैं। केवल एक बात कहना चाहता हूं कि सब ने एक स्वर में यह कहा है कि जो कांग्रेस आलाकमान तय करेगा, वह हमें मंजूर होगा।

संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और प्रभारी महासचिव अजय माकन ने विधायकों और पार्टी पदाधिकारियों के साथ चर्चा की। इस बैठक में भी मंत्रिमंडल विस्तार, राजनीतिक और संगठनात्मक नियुक्तियों का फैसला हाईकमान पर छोड़ने पर सहमति जताई। अब अजय माकन विधायकों का मन टटोलने फिर से जयपुर आएंगे।

माकन की विधायकों की रायशुमारी की घोषणा से सियासी चर्चाएं गर्म
प्रभारी महासचिव अजय माकन ने दो दिन 28 और 29 जुलाई को विधायकों के साथ रायशुमारी की घोषणा करके सियासी चर्चाओं को हवा दे दी है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि केवल जिलाध्यक्ष और ब्लॉक अध्यक्ष के नामों पर चर्चा के लिए तो प्रभारी विधायकों से वन-टू-वन बातचीत नहीं करेंगे।

बताया जाता है कि अजय माकन रायशुमारी में सरकार के कामकाज, मुख्यमंत्री और मंत्रियों को लेकर उनकी पसंद नापंसद के बारे में फस्ट हैंड फीडबैक लेना चाहते हैं। इससे अशोक गहलोत और सचिन पायलट खेमों के दोनों विधायकों की सही संख्या का आकलन भी हो जाएगा।

रायशुमारी के पीछे कांग्रेस हाईकमान की रणनीति
विधायकों की रायशुमारी के पीछे हाईकमान की रणनीति बताई जा रही है। संभावना यह भी है कि अगर 28-29 को मंत्रिमंडल विस्तार होता है तो विधायक जयपुर में ही रहेंगे और ऐसे में जिनका नंबर नहीं आएगा, उन विधायकों को मनाकर डैमेज कंट्रोल करना आसान होगा। यह कवायद रायशुमारी के साथ मंत्रिमंडल विस्तार करने से हाईकमान की मजबूती का मैसेज देने की भी है।

संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और प्रभारी महासचिव अजय माकन प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में बैठक करने के बाद सड़क मार्ग से ही दिल्ली रवाना हो गए। मुख्यमंत्री से देर रात मंत्रणा के बाद विधायकों और पार्टी पदाधिकारियों से साझा बैठक की।

मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों पर पूछे गए सवाल पर कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा- मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों की प्रक्रिया चल रही है, जल्द फैसला होगा।

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