Raja Raghuvanshi Murder Case: सोनम की मदद करने वाले दो लोगों को मिली बेल.. आखिर कौन हैं ये?

राजा रघुवंशी मर्डर केस में एक बड़ा अपडेट सामने आया है। इस हाई-प्रोफाइल केस में कोर्ट ने सोनम रघुवंशी के कथित मददगारों और हत्या मामले में सह-आरोपियों को जमानत दे दी है। यह फैसला प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट डीकेके मिहसिल्ल की अदालत ने सुनाया, जिससे केस में नया मोड़ आ गया है।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई सुनवाई, कोर्ट ने दी जमानत
बुधवार को हुई सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की गई। इस दौरान न्यायिक हिरासत खत्म होने के बाद कोर्ट ने दो सह-आरोपियों – लोकेंद्र सिंह तोमर और बलबीर अहिरवार को जमानत दे दी। दोनों को पहले न्यायिक हिरासत में भेजा गया था, लेकिन उनके खिलाफ अब तक कोई ठोस सबूत न मिलने के चलते अदालत ने उन्हें राहत दी है।
सोनम रघुवंशी को फ्लैट देने वाले लोग अब जांच के घेरे में
जांच में सामने आया है कि राजा रघुवंशी की हत्या के बाद सोनम ने इंदौर के एक फ्लैट में शरण ली थी। यह फ्लैट लोकेंद्र सिंह तोमर का था, जहां सोनम 30 मई से 7 जून 2025 तक छिपी रही। वहीं, फ्लैट की बिल्डिंग में सुरक्षा गार्ड के रूप में कार्यरत बलबीर अहिरवार ने भी इस दौरान कोई जानकारी पुलिस को नहीं दी, जिससे उसकी भूमिका भी संदिग्ध मानी गई।
विशाल चौहान के जरिए मिला किराए पर फ्लैट, शिलोम जेम्स का नाम भी सामने आया
पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि इंदौर स्थित यह फ्लैट शिलोम जेम्स नामक व्यक्ति ने सोनम रघुवंशी के साथी विशाल चौहान को किराए पर दिया था। इस कड़ी से यह भी स्पष्ट हुआ कि सोनम की हत्या के बाद की गतिविधियों में कई लोग अप्रत्यक्ष रूप से शामिल थे या जानकारी के बावजूद चुप रहे।
हत्या की लोकेशन सोहरा (शिलॉन्ग), छिपने का ठिकाना इंदौर
रिपोर्ट्स के अनुसार, राजा रघुवंशी की हत्या मेघालय के सोहरा (शिलॉन्ग) में की गई थी। इसके बाद सोनम ने पुलिस से बचने के लिए इंदौर का रुख किया। यह भी एक अहम पहलू है कि इतने बड़े अपराध के बाद वह 8 दिन तक एक निजी फ्लैट में छिपी रही और किसी को भनक तक नहीं लगी।
मामले में पुलिस की जांच अभी जारी, मुख्य आरोपी अब भी पुलिस की निगरानी में
हालांकि लोकेंद्र और बलबीर को जमानत मिल गई है, लेकिन केस की जांच अभी पूरी नहीं हुई है। पुलिस सोनम रघुवंशी, विशाल चौहान और अन्य संदिग्धों की भूमिका की गहराई से पड़ताल कर रही है। कोर्ट के फैसले के बावजूद यह मामला गंभीर आपराधिक श्रेणी में आता है, और न्यायिक प्रक्रिया अभी जारी है।