राज कुंद्रा ने सपने में भी नहीं सोचा था हो जाएगी गिरफ्तारी, जानें कैसे इस तक पहुंची पुलिस

मुंबई. राज कुंद्रा (Raj Kundra) ने सपने में भी नहीं सोचा था कि पॉर्नोग्राफी केस उसकी गिरफ्तारी हो जाएगी. वह बेखौफ होकर प्लान बी की तैयारियों में जुटा था. सूत्रों से राज कुंद्रा के दफ्तर में छापेमारी से लेकर उसकी गिरफ्तारी की पूरे सीक्वेंस की जानकारी मिली. 4 फरवरी को पोर्नोग्राफी रैकेट का भंडाफोड़ करने के दौरान कुल 5 आरोपियों को मुंबई क्राइम ब्रांच की प्रॉपर्टी सेल ने गिरफ्तार किया. कुछ दिनों की जांच के बाद 4 और आरोपियों की इस मामले में गिरफ्तारी हुई. मुंबई क्राइम ब्रांच की इस बड़ी कार्रवाई के एक सप्ताह बाद ही संदिग्ध कार केस और मनसुख हिरेन हत्याकांड के बाद मुंबई पुलिस सवालों के घेरे में आ गई.

इसके बाद तमाम गंभीर आरोपितों-प्रत्यारोपों के बीच मुंबई पुलिस के मुखिया सहित क्राइम ब्रांच और सिटी पुलिस के तमाम अधिकारियों और कर्मचारियों का तबादला हो गया. इस हंगामे के बीच पॉर्नोग्राफी मामले की जांच आगे नहीं बढ़ पाई और प्रॉपर्टी सेल ने अप्रैल 2021 में अपनी चार्जशीट दाखिल कर दी, जिसमें राज कुंद्रा का नाम नही था. चार्जशीट फ़ाइल होने के बाद राज कुंद्रा को यह लगने लगा था कि पॉर्न रैकेट का मामला पूरी तरह शांत हो चुका है और वह और उसकी टीम बेपरवाह होकर प्लान बी को अंजाम देने पर काम करने लगी.

मुंबई पुलिस के आला अधिकारियों की हुई थी बैठक
19 जुलाई को राज कुंद्रा की हुई गिरफ्तारी से एक सप्ताह पहले इस केस में कैसे आगे बढ़ना है, इसको लेकर मुंबई पुलिस के आला अधिकारियों के बीच एक अहम बैठक हुई. इस बैठक में निर्णय हुआ कि सीधे अरेस्ट वारंट लेकर जाने के बजाय पहले राज कुंद्रा के घर और दफ्तर पर सर्च किया जाए और पुख्ता सबूत मिलने के बाद एक्शन लिया जाए.

19 जुलाई को क्राइम ब्रांच की एक टीम कोर्ट से सर्च वारंट इशू कराने के लिए जाती है और दूसरी टीम को अंधेरी वेस्ट में स्टैंडबाय मॉड पर इंतजार कर रही होती है. सर्च वारंट मिलते ही दोपहर करीब 3 बजे स्टैंडबाय वाली टीम राज कुंद्रा के वियान कंपनी के दफ्तर को सर्च करना शुरू कर देती है. सर्च ऑपेरशन की जानकारी मिलते ही राज कुंद्रा अपने दफ्तर पहुंचता है.सर्च के दौरान क्राइम ब्रांच की टीम को सर्वर से बड़ी संख्या में पॉर्न वीडियोज मिलते हैं. सर्च के दौरान सबसे चौंकाने वाला वाकया यह होता है कि राज कुंद्रा  रेयान थोर्पे कोआदेश  देता है कि वह दूसरे सर्वर पर मौजूद डेटा को डिलीट कर दे. दोनों मिलकर काफी डाटा डिलीट भी कर देते हैं.

क्राइम ब्रांच की टीम तुरंत इसकी जानकारी अपने आला अधिकारियों को देती है. आला अधिकारियों को यह शक हो जाता है की राज कुंद्रा भाग सकता है, इसलिए फौरन सेक्शन 41ए के तहत कुंद्रा और रेयान को नोटिस देती है. रेयान उस नोटिस को ले लेता है, लेकिन कुंद्रा लेने से मना कर देता है. कुछ घंटों से सर्च ऑपेरशन के बाद बिना कोई चांस लिए क्राइम ब्रांच की टीम उसे प्रॉपर्टी सेल के दफ्तर चलने को बोलती है. राज कुंद्रा पुलिस की गाड़ी में आने से इंकार कर देता है और अपनी गाड़ी से आने की बात कहता है.

रात करीब 8:00 बजे वह क्राइम ब्रांच दफ्तर पहुंचता है, क्योंकि क्राइम ब्रांच के पास पहले से इतना सबूत होते हैं कि 2 घण्टे की पूछताछ के बाद कुंद्रा को गिरफ्तार कर लिया जाता है और उसके बाद रेयान को. कुंद्रा ने अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए यह चुनौती दी है कि क्राइम ब्रांच की तरफ से उसे 41ए के तहत नोटिस नही दी गई, जिस पर कोर्ट ने अपना आदेश सुरक्षित रखा हुआ है.

Related Articles

Back to top button