बड़ा खुलासा: Radhika Yadav मर्डर केस में Love Jihad वाला एंगल ? इनामुल हक की 24 घंटे में दो बार सफाई क्यों ?

गुरुग्राम में इंटरनेशनल टेनिस प्लेयर राधिका यादव की हत्या का मामला अब सिर्फ ऑनर किलिंग नहीं रह गया है। सोशल मीडिया पर यह बहस अब एक नए मोड़ पर आ खड़ी हुई है — जहां आरोपी पिता से ज़्यादा चर्चाओं में आ गए हैं वीडियो में नजर आए एक्टर इनामुल हक। दो बार सफाई देने के बावजूद इनामुल का डर और घबराहट कैमरे के सामने साफ नजर आ रही है।

इनामुल हक की दूसरी सफाई: “मेरा इस केस से कोई लेना-देना नहीं”

दुबई में मौजूद इनामुल हक ने बीते 24 घंटे में दूसरी बार सार्वजनिक बयान जारी किया। उन्होंने साफ कहा—

“मुझे बेवजह इस मामले में घसीटा जा रहा है। मैंने सिर्फ एक म्यूजिक वीडियो में राधिका के साथ काम किया था। राधिका के पिता को मैं जानता भी नहीं था, सिर्फ मां से मिला हूं।”

इनामुल की यह सफाई इसलिए भी अहम है क्योंकि वीडियो शूट को लेकर सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ लगातार नफरत फैलाई जा रही थी।

“हिंदू-मुस्लिम एंगल क्यों जोड़ा जा रहा है?” – एक्टर का सवाल

इनामुल ने तीखे शब्दों में कहा:

“मामले को जबरन हिंदू-मुस्लिम एंगल दिया जा रहा है। समझ नहीं आता कि ऐसा क्यों किया जा रहा है। यह नफरत फैलाने का जरिया बन सकता है, जो बेहद खतरनाक है।”

उनके इस बयान से यह साफ झलकता है कि वे सांप्रदायिक तनाव के किसी भी एंगल से खुद को दूर रखना चाहते हैं। लेकिन सवाल यह भी है कि वे इतने डरे हुए क्यों हैं? जवाब है – भारत में हालिया वर्षों में फिल्मों और मुस्लिम कलाकारों को लेकर सोशल मीडिया पर अक्सर निशाना बनाया गया है, खासकर जब किसी हिंदू महिला या लड़की के साथ पेशेवर रिश्ते की बात सामने आती है।

‘कारवां’ वीडियो शूट: क्या राधिका ने ली थी पिता की इजाज़त?

इनामुल हक ने बताया कि म्यूजिक वीडियो ‘कारवां’ की शूटिंग नोएडा में हुई थी। शूटिंग के समय राधिका की मां भी साथ थीं।

“राधिका ने सेट पर बताया था कि उसके पिता को गाना पसंद आया है, यानी उन्हें जानकारी थी।”

यह बयान महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उस दावे को कमजोर करता है कि पिता को वीडियो शूटिंग की भनक भी नहीं थी।

टेनिस प्रीमियर लीग में पहली मुलाकात

इनामुल के मुताबिक,

“मैं राधिका से पहली बार दुबई में टेनिस प्रीमियर लीग के दौरान मिला था। इसके बाद हमने म्यूजिक वीडियो के लिए काम किया और फिर कभी संपर्क नहीं हुआ।”

इसका मतलब है कि उनके बीच कोई नियमित संवाद या रिश्ता नहीं था — यह सिर्फ एक पेशेवर सहयोग था, जिसे आज एक सांप्रदायिक संदर्भ में घसीटा जा रहा है।

इंस्टाग्राम डिएक्टिवेशन: क्या यह सोशल दबाव का संकेत था?

इनामुल ने बताया कि राधिका ने इंस्टाग्राम अकाउंट 2-3 बार डिलीट और रीएक्टिवेट किया था।

“जब उसकी स्टोरी नहीं दिखती थी तो समझ जाते थे कि उसने अकाउंट डिलीट कर दिया है।”

यह जानकारी इस ओर इशारा करती है कि राधिका पर सोशल मीडिया ट्रोलिंग या पारिवारिक दबाव का असर था। खासकर रील के वायरल होने और उस पर आए कमेंट्स ने उसे मानसिक रूप से झकझोर दिया होगा।

 

वीडियो हटाने का फैसला और फिर पलटाव

इनामुल ने स्वीकार किया कि उन्होंने ‘कारवां’ वीडियो को हटाने का सोचा था:

“गाना वायरल नहीं हुआ था, इसलिए लगा बेकार चला गया। मैंने सोचा था किसी और चेहरे के साथ इसे फिर से रिलीज़ करूं, लेकिन अब मैं यह वीडियो नहीं हटाऊंगा।”

यह निर्णय शायद उनके मूल्य और व्यावसायिक स्वतंत्रता के साथ खड़े रहने की कोशिश है, खासकर उस समय जब उन्हें ऑनलाइन सांप्रदायिक नफरत का सामना करना पड़ रहा है।

पुलिस जांच में इनामुल की स्थिति

इनामुल ने कहा कि गुरुग्राम पुलिस ने अब तक उनसे कोई संपर्क नहीं किया है, लेकिन यदि ऐसा हुआ तो वे पूरी जांच में सहयोग करेंगे।

“मुझे जब भी बुलाया जाएगा, मैं तैयार हूं।”

इस बयान से यह साफ है कि इनामुल जांच से नहीं भाग रहे, लेकिन हिंदू-मुस्लिम फ्रेम में फंसने से डर जरूर रहे हैं — और यह डर बिना वजह नहीं है।

हत्या से ज्यादा मजहब पर केंद्रित क्यों हो रही है?

जहां एक तरफ पुलिस यह मान रही है कि राधिका की हत्या का कारण टेनिस एकेडमी को लेकर पारिवारिक विवाद था, वहीं सोशल मीडिया इस केस को मजहबी ध्रुवीकरण की खुराक बना चुका है।

इनामुल हक का बार-बार सफाई देना इस बात का संकेत है कि आज का डिजिटल भारत सिर्फ आरोप नहीं लगाता — वो किसी की पहचान को भी गुनाह बना देता है।

 

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