कैप्टन पर नरम पड़े हरीश रावत के सुर:बोले- अमरिंदर के लिए कांग्रेस के दरवाजे खुले;

सिद्धू और CM चन्नी के बीच फूट डाल रहे कुछ पूर्व कांग्रेसी

पंजाब कांग्रेस इंचार्ज हरीश रावत ने प्रदेश की राजनीति में फिर हलचल मचा दी है। उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के लिए कांग्रेस के दरवाजे खुले हैं। वो कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिल सकते हैं। अभी तक रावत अमरिंदर पर हमलावर रुख अपना रहे थे। अमरिंदर के गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद कांग्रेस कैप्टन की खूब आलोचना कर रही थी। उन्होंने इस मुलाकात के बाद ही कांग्रेस छोड़ने की घोषणा कर दी थी।

वहीं, रावत ने नवजोत सिद्धू और CM चरणजीत चन्नी के बीच पैदा हुए विवाद को पूर्व कांग्रेसियों की साजिश बताया। रावत ने कहा कि कुछ लोग जानबूझकर इस तरह की बातों का प्रचार कर रहे हैं।

रावत ने फिर कहा, अमरिंदर का अपमान नहीं किया
हरीश रावत ने कैप्टन अमरिंदर सिंह के अपमानित करने के आरोप का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अमरिंदर का अपमान नहीं किया। पंजाब में पैदा हुई कलह का हल उनकी सहमति से निकालने की कोशिश थी। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। जब ज्यादातर विधायक अमरिंदर के खिलाफ हो गए तो हमें विधायक दल की बैठक बुलानी पड़ी। उसमें आने की जगह कैप्टन ने इस्तीफा दे दिया।

पंजाब कांग्रेस में अब स्थिति सामान्य
रावत ने कहा कि चरणजीत चन्नी को मुख्यमंत्री बनाने के बाद पंजाब में स्थिति सामान्य हो चुकी है। कहीं कोई पावर स्ट्रगल नहीं है। कुछ दिन पहले सीएम चन्नी और नवजोत सिद्धू एक मार्च में इकट्‌ठा हुए थे। रावत ने कहा कि कुछ लोग जानबूझकर सीएम और सिद्धू के बीच दूरियां बना रहे हैं। इनमें कुछ विपक्षियों के साथ भूतपूर्व कांग्रेसी भी शामिल हैं।

हकीकत : सीएम चन्नी से नाराज सिद्धू, इस्तीफा तक वापस नहीं लिया

रावत के दावे के उलट हकीकत यह है कि नवजोत सिद्धू की सीएम चन्नी से नाराजगी बरकरार है। वह डीजीपी और एडवोकेट जनरल की नियुक्ति के विरोध में इस्तीफा दे चुके हैं। जिसे अभी तक वापस नहीं लिया। इसके बाद पंजाब कांग्रेस के मार्च में देरी पर सिद्धू का विवादित वीडियो भी सामने आ चुका है। जिसमें उनके भीतर पंजाब का सीएम बनने की छटपटाहट दिखाई दे रही है। सिद्धू सीएम चन्नी के बेटे के शादी समारोह में तक नहीं गए।

कैप्टन खेमे का जवाब, विधायक दल की बैठक का हक अमरिंदर को था
रावत को कैप्टन खेमे की तरफ से भी जवाब दिया गया है कि अमरिंदर सिंह विधायक दल के नेता थे। कांग्रेस हाईकमान की जगह उन्हें यह बैठक बुलाने का हक था। इसके बावजूद दो बार विधायकों को दिल्ली बुलाया गया। तीसरी बार उनसे मशविरा किए बगैर चंडीगढ़ में बैठक बुला ली गई। इसे ही अमरिंदर सिंह का अपमान बताया जा रहा है। रावत पहले कह चुके हैं कि अमरिंदर को पार्टी ने 3 बार संगठन प्रधान और 2 बार सीएम बनाया। ऐसे में यह अपमान नहीं है।

खबरें और भी हैं…

Related Articles

Back to top button