पुणे में हुआ बड़ा हादसा 30 साल पुराना लोहे-आईडेड फुटब्रिज टुटा ! 50 से अधिक लोग घायल, ब्रिज टूटना हादसा या लापरवाही ?

15 जून 2025 को दोपहर लगभग 3:15 बजे, पुणे के कुंडमाला (मावल तहसील) में भारी मानसूनी बारिश के बीच इंद्रायणी नदी पर बना लगभग 30 वर्ष पुराना लोहे‑आईडेड फुटब्रिज कटकर धँस पड़ा। इस दुर्घटना में चार लोगों की मौत हुई और 50 से अधिक लोग घायल हुए। इस हादसे ने स्थानीय तौर पर भय और आक्रोश का माहौल बना दिया है।
भीड़ और वाहन – मर्यादा से पार
ब्रिज पर करीब 125‑200 लोग और कई दोपहिया वाहन मौजूद थे, जबकि यह केवल पैदल यात्री के लिए था। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पुल लगभग पाँच मिनट तक हिलता रहा, तब अचानक बिंदु पर टूट गया।
“पुल 5 मिनट तक हिलता रहा, लोग फोटो खींच रहे थे…” – लतिका
नदी का उफान और बचाव कठिन
पिछले दो दिनों की तेज बारिश के कारण इंद्रायणी नदी उफान पर थी, जिसने गिरते व्यक्ति को बहा दिया। स्थानीय ग्रामीण, NDRF, CRPF, पुलिस और अग्निशमन टीमों ने तत्काल बचाव अभियान चलाया। कुछ लोग पानी में फंसे रहे, लेकिन कई को रेस्क्यू किया गया।
मानव व सामाजिक मानहानि
रिपोर्ट के अनुसार, स्थानीय निवासियों ने पहले ही इस पुल की स्थिति को लेकर चेतावनी दी थी, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। प्रशासन ने हाल में इस स्थल पर प्रतिबंध भी लगाया था, लेकिन उसे लागू करने में विफल रहा।
मानवीय क्षति
इस हादसे में चार लोग मारे गए, जिनमें एक पांच वर्षीय बालक भी शामिल था। कम से कम 50 लोग घायल हुए, जिनमें आठ की हालत गंभीर बताई जाती है। साथ ही दो लोग लापता बताए जा रहे हैं ।
जांच और नियामक प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मृतकों के परिजनों को ₹5 लाख मुआवजा और घायलों के इलाज की घोषणा की। उपमुख्यमंत्री अजीत पवार एवं एकनाथ शिंदे ने पूरे राज्य में पुलों का संरचनात्मक ऑडिट कराने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई का आदेश दिया। जिला प्रशासन ने पांच सदस्यीय जांच समिति भी गठित की है।
जंग और ओवरलोडिंग
विश्लेषण में सामने आया है कि इस फुटब्रिज में लोहे और कंक्रीट का उपयोग हुआ था, जो जंग और कमजोर संरचना के संकेत दे रहा था। भीड़ की अधिकता और वाहन उपस्थितता ने पुल को सहनशीलता से अधिक भार नीचे गिरा दिया ।
सावधानी और भविष्य की तैयारी
यह हादसा आधुनिक प्रशासन के होशियार कर देने वाला संकेत है—पुराने और भीड़-भाववाले पर्यटन स्थलों पर समय-समय पर संरचनात्मक निरीक्षण, स्वचालित बंदी संकेत और लागू सुरक्षा उपाय अनिवार्य हैं। प्रशासन द्वारा जांच रिपोर्ट और नए पुल निर्माण पर कार्रवाई गंभीर संकेत देती है, पर वास्तविक सुरक्षा तब होगी जब सबक को जल्द लागू किया जाएगा।