बड़ी खबर: पुणे में एक पोस्ट से बवाल ! दो समुदाय आमने-सामने, मस्जिद पर पथराव.. गाड़ियां फूंकी !

महाराष्ट्र के पुणे जिले के दौंड तहसील के यवत गांव में शुक्रवार को एक युवक की कथित आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट के बाद सांप्रदायिक तनाव भड़क गया। देखते ही देखते दो समुदायों के लोग आमने-सामने आ गए, गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया और धार्मिक स्थल पर पथराव हुआ। स्थिति को काबू में करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। फिलहाल गांव में तनावपूर्ण शांति बनी हुई है।

किस घटना से शुरू हुआ विवाद?

इस हिंसा की जड़ 26 जुलाई को घटी उस घटना में है जब यवत गांव के नीलकंठेश्वर मंदिर में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के साथ कथित छेड़छाड़ की गई थी। इस घटना को लेकर गांव में पहले से आक्रोश का माहौल था। गुरुवार से ही गांव में विरोध-प्रदर्शन चल रहा था।

युवक की पोस्ट बनी बवाल की वजह

शुक्रवार को एक युवक सैय्यद द्वारा की गई कथित आपत्तिजनक पोस्ट ने माहौल को और बिगाड़ दिया। युवक ने अपने व्हाट्सएप और फेसबुक स्टेटस पर वह पोस्ट डाली थी, जो देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। गुस्साए लोगों की भीड़ यवत के सहकार नगर में युवक के घर पहुंची और तोड़फोड़ शुरू कर दी। इसी दौरान दो गुट आमने-सामने आ गए और पत्थरबाजी शुरू हो गई।

गाड़ियों को लगाई गई आग, बाजार बंद

भीड़ ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया। देखते ही देखते गांव में अफरातफरी मच गई। हालात की गंभीरता को देखते हुए यवत का साप्ताहिक बाजार बंद कर दिया गया। स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है।

पुलिस ने छोड़े आंसू गैस के गोले, युवक हिरासत में

यवत पुलिस निरीक्षक नारायण देशमुख ने जानकारी दी कि युवक सैय्यद को हिरासत में ले लिया गया है। उसके खिलाफ जरूरी कार्रवाई की जा रही है। पुलिस अधीक्षक संदीप सिंह गिल ने बताया कि जैसे ही पोस्ट वायरल हुई, युवक को पुलिस स्टेशन लाकर पूछताछ शुरू कर दी गई थी। लेकिन तब तक सोशल मीडिया पर आक्रोश फैल चुका था। हालात को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।

फिलहाल स्थिति नियंत्रण में, पुलिस बल तैनात

पुलिस अधीक्षक ने कहा कि यवत गांव और आसपास के इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। हालात पर पूरी नजर रखी जा रही है और स्थिति नियंत्रण में है। अब तक किसी के घायल होने की पुष्टि नहीं हुई है।

मार्च 2025 में नागपुर में भी हुआ था ऐसा ही बवाल

गौरतलब है कि इससे पहले मार्च 2025 में नागपुर के महल इलाके में औरंगजेब की कब्र को लेकर शुरू हुआ विवाद हिंसा में बदल गया था। विश्व हिंदू परिषद द्वारा औरंगजेब का पुतला जलाने के बाद अफवाह फैली कि धार्मिक पुस्तक जलाई गई है। इसके बाद दोनों पक्षों में जमकर पत्थरबाजी हुई थी, कई गाड़ियों और दो जेसीबी मशीनों में आग लगा दी गई थी। पुलिस ने उस समय 55 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया था।

सोशल मीडिया की लापरवाही और प्रशासन की सतर्कता

पुणे के यवत गांव में हुई यह घटना एक बार फिर यह साबित करती है कि सोशल मीडिया पर डाली गई एक गैर-जिम्मेदार पोस्ट कैसे बड़ी सांप्रदायिक हिंसा का कारण बन सकती है। हालांकि, पुलिस ने इस बार त्वरित कार्रवाई कर स्थिति को नियंत्रण में लाने की कोशिश की है। प्रशासन की सतर्कता ने बड़ी घटना को टाल दिया, लेकिन यह घटना समाज में फैले तनाव और असहिष्णुता की गंभीर तस्वीर पेश करती है।

Related Articles

Back to top button