1 व्हाट्सएप मैसेज और मिनटों में ₹5.1 करोड़ की ठगी, बंगाल से कर्नाटक तक.. साइबर टीम ने ऐसे दबोचे लुटेरे

पुडुचेरी में एक महिला कर्मचारी को व्हाट्सएप पर उनके कंपनी के प्रबंध निदेशक (MD) के नाम से भेजे गए संदेशों के माध्यम से ₹5.1 करोड़ की ठगी का शिकार बनाया गया। साइबर अपराधियों ने एमडी के प्रोफाइल फोटो और नाम का उपयोग करते हुए महिला से तत्काल परियोजना के लिए धनराशि स्थानांतरित करने का अनुरोध किया। महिला ने विश्वास में आकर विभिन्न बैंक खातों में यह राशि ट्रांसफर कर दी।
ठगी की शुरुआत: व्हाट्सएप संदेश से
दरअसल, हुआ यूँ कि पीड़ित महिला को एक अनजान नंबर से व्हाट्सएप संदेश मिला, जिसमें उनके एमडी की प्रोफाइल फोटो थी। संदेश में लिखा था कि एमडी एक सरकारी बैठक में हैं और एक महत्वपूर्ण परियोजना के लिए तुरंत पैसे की आवश्यकता है। महिला ने बिना संदेह किए, दिए गए बैंक खातों में कुल ₹5.1 करोड़ ट्रांसफर कर दिए।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
बाद में महिला को ठगी का एहसास होने पर उन्होंने तुरंत साइबर क्राइम पुलिस से संपर्क किया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नारा चैतन्य और पुलिस अधीक्षक डॉ. एस. बसकरन के निर्देशन में निरीक्षक बी.सी. कीर्ति ने इस मामले की जांच शुरू की। प्रारंभिक जांच में ₹1.8 करोड़ की राशि केरल के एक एक्सिस बैंक खाते में ट्रेस की गई, जिसके बाद आरोपी सजीत को गिरफ्तार किया गया।
मल्टी-स्टेट ऑपरेशन और गिरफ्तारियाँ
एक आरोपी की गिरफ़्तारी के बाद पूछताछ में पुलिस को कई अहम् जानकारियां मिलीं, जिसके आधार पर पुलिस ने कर्नाटक, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में छापेमारी कर ओंकार नाथ, राघवेंद्र, सशिधर नायक और जी. बवाजन को भी गिरफ्तार किया। इसके अलावा, पश्चिम बंगाल और केरल से चार और लोगों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने मोबाइल फोन, इंटरनेट डिवाइस और एक वाहन भी जब्त किया है।
बरामद की गई राशि
पुलिस ने पश्चिम बंगाल और केरल के विभिन्न बैंक खातों से ₹2.48 करोड़ की राशि बरामद की, जिसमें से ₹1.97 करोड़ पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के एक खाते से प्राप्त हुए। अधिकारियों ने बताया कि इस गिरोह में और भी लोग शामिल हैं, और आगे की जांच जारी है।
जनता के लिए चेतावनी
पुलिस ने जनता को चेतावनी दी है कि वे कमीशन के लालच में अपने बैंक खाते या मोबाइल नंबर साइबर अपराधियों को न दें। ऐसा करना गैरकानूनी है और इसके लिए कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। यदि किसी को साइबर धोखाधड़ी का शिकार होना पड़े, तो वे तुरंत 1930 हेल्पलाइन पर कॉल करें या cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।