चुनाव से पहले प्रियंका गांधी की बढ़ी सक्रियता, जानिए प्लान

लखनऊ. आगामी विधानसभा 2022 (UP Assembly Election 2022) के चुनाव की फाइट से कांग्रेस बाहर नजर आ रही है. उधर, प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) की सक्रियता ने यूपी में कांग्रेस को एक बार फिर फ्रंटफुट पर ला दिया है. प्रियंका की सक्रियता से बीजेपी ही नहीं बल्कि विपक्षी दल भी अपने-अपने नफा और नुकसान तौलने में जुट गए हैं. विपक्षी दलों में सबसे पहले समाजवादी पार्टी की बात करें तो सपा में चुनावी माहौल तो दिख रहा है, लेकिन प्रियंका वाली रंगत नहीं दिख रही है. आगरा के वाल्मीकि समाज से आने वाले युवा की कस्टोडियल डेथ होने पर जो तेवर कांग्रेस ने दिखाया, सपा पिछड़ती नजर आई. प्रियंका का एक्शन जब नजर आने लगा तब बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती का ट्वीट आया यानी वो भी पिछड़ती ही नजर आ रही हैं.

बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी कहते हैं बीजेपी एक नंबर है और 2022 में सरकार दोबारा भाजपा की ही बनेगी, होड़ तो विपक्षियों मे है कि कौन किसको पटखनी देकर नंबर दो की कुर्सी पाता है. सपा नेता सुनील साजन कहते हैं कि बीजेपी सरकार में ही वेंटिलेटर घोटाला हुआ गंगा में लाशे निकली कफन से कपड़े खींचे गए लोगों की जानें गई. समाजवादियों के कराए गये कामों का फीता काटा जा रहा है. दूसरी तरफ कांग्रेस पर थोड़ी नरमी जरुर है.

थाने में हो रही है हत्या- कांग्रेस
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता अंशु अवस्थी कहते हैं कि प्रियंका गांधी प्रदेश के हर जन की आवाज बन चुकी हैं. वे कहते हैं कि तानाशाही के दम पर जनता की आवाज नहीं दबा पाएगी. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और भाजपा सरकार ये बताए कि जब पुलिस ही अपराध कर रही तो अपराध कैसे रुके, BJP सरकार में कही पर IPS फरार है, कहीं इंस्पेक्टर पर इनाम घोषित, और कही पैसे लेकर पुलिस ठोकों नीति चला रही,थाने में भी हत्या हो जा रही, ये जंगलराज नहीं तो क्या है?

बीजेपी से कौन लड़ रहा है
सवाल सबके हैं लेकिन बीजेपी से लड़ कौन रहा है, इस पर सबके अपने अपने दावे हैं. गौरतलब है कि अखिलेश यादव ने सहारनपुर में लोगों को बीजेपी से सावधान करते हुए कह चुके हैं कि यूपी के 2022 विधानसभा चुनाव जीतने के लिए बीजेपी के लोग कुछ भी कर सकते हैं. ऐसे में हम भी बीजेपी को रोकने के लिए कोई भी कदम उठा सकते हैं. हम एलायंस भी बनायेंगे और अपने लोगों का सम्मान भी बचाने का काम करेंगे. हालांकि, अखिलेश यादव ने गठबंधन के लिए किसी पार्टी का नाम नहीं लिया.

तिकोनीय होगी लड़ाई
सपा प्रमुख के इस बयान के सियासी मायने जरुर हैं. दूसरी तरफ प्रियंका गांधी बार बार दिखाना चाह रही हैं कि सड़क पर केवल उनकी पार्टी हैं. शिवपाल यादव भी सपा के साथ आने का संकेत दे चुके हैं. अभी चुनाव में वक्त है ऐसे में आपस मे मोलतोल करते हुए विपक्षी दल करीब भी आ सकते हैं. अभी की स्थितियों के अनुसार लड़ाई तिकोनीय होगी अगर करीब आ गए तो बीजेपी के लिए राहें आसान नहीं होंगी.

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