प्रियंका गांधी लखीमपुर खीरी जाने की जिद पर अड़ीं, कांग्रेस‍ियों ने दी ये चेतावनी

सीतापुर. कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) पिछले 30 घंटे से ज्यादा का समय बीतने के बाद भी सीतापुर (Sitapur) स्थित सेकंड बटालियन पीएसी की गेस्ट हाउस में मौजूद हैं. प्रियंका गांधी लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) जाने और पीड़ित किसानों के परिवारों से मिलने की जिद पर अड़ीं है. जिला और पुलिस प्रशासन लगातार उन्हें लखनऊ लौटने के लिए मानाने में जुटा है, लेकिन वे मानने के तैयार नहीं हैं. उधर पीएसी गेट के बाहर कांग्रेस‍ियों का जमावड़ा लगा है जो अपने नेता को छोड़ने की मांग कर रहे हैं.

कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि प्रदेश की तानाशाही सरकार ने उनकी नेता को बेवजह गिरफ्तार कर हिरासत में रखा हुआ है. अगर आधे घंटे में प्रियंका गांधी को रिहा नहीं किया जाता है तो पूरे शहर को बंद कर सड़क जाम कर दिया जाएगा. सैकड़ों की संख्या में कांग्रेस‍ियों कार्यकर्ता पीएसी गेट के बाहर जमा हैं और जमकर नारेबाजी कर रहे हैं. गौरतलब है कि रविवार रात को प्रियंका गांधी लखीमपुर खीरी के लिए रवाना हुई थीं. जिसकी सूचना पर सीतापुर पुलिस अलर्ट हो गई. करीब पांच घंटे की लुकाछिपी के बाद पुलिस ने प्रियंका गांधी को हरगांव से हिरासत में ले लिया और उन्हें पीएसी गेस्ट में रखा. इस दौरान प्रियंका की पुलिस वालों से तीखी नोंकझोंक भी हुई.

पुलिस ने की नाकाबंदी
प्रियंका गांधी को लेकर चल रहे कांग्रेसियों के आंदोलन को देखते हुए पुलिस ने जिले की सीमाओं पर तो नाकेबंदी कर ही रखी है, अब शहर को भी चारों तरफ से बैरिकेडिंग कर दिया गया है. शहर के नवीन चौक, वैदेही वाटिका, नैपालापुर, काशीराम कॉलोनी, श्याम नाथ सहित बाहरी क्षेत्रों के अलावा शहर के अंदर भी जगह-जगह बैरियर लगाए गए हैं, ताकि धरना स्थल पर कम से कम भीड़ जुट सके और कानून व्यवस्था दुरुस्त रहें. सीओ सिटी पीयूष कुमार सिंह ने बताया कि एहतियात के तौर पर शहर में बैरियर लगाए गए हैं. सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए भारी पुलिस बल भी लगा दिया गया है.

गेस्ट में प्रियंका गांधी ने लगाया झाड़ू
प्रियंका गांधी ने हिरासत में लिए जाने के बाद उनका एक वीडियो भी वायरल हुआ, जिसमें वे गेस्ट हाउस के कमरे में झाड़ू लगाती नजर आईं. प्रियंका गांधी का कहना है कि वे तब तक वापस नहीं लौटेंगी जब तक कि उन्हें पीड़ित किसानों के परिजनों से मिलने नहीं दिया जाता. गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी जिला प्रशासन ने धारा 144 लगाते हुए किसी भी राजनेता की जिले में एंट्री पर रोक लगाई हुई है.

नेताओं में लगी है लखीमपुर जाने की होड़
बता दें लखीमपुर की घटना के बाद सभी दलों के नेताओं में लखीमपुर खीरी जाने की होड़ लगी हुई है, जबकि किसानों और जिला प्रशासन के बीच हुई बैठक में सभी मांगों को मान लिया गया. किसानों के परिजनों को 45-45 लाख रुपये की आर्थिक मदद, परिवार के एक सदस्य को योग्यता के अनुसार सरकारी नौकरी, घायलों को 10-10 लाख का अनुदान और मामले की न्यायिक जांच के आदेश भी दिए गए हैं.

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