राजस्थान में कैदी अब बेचेंगे पेट्रोल, जेल प्रशासन 12 जिलों में संचालित करेगा 17 पंप

जयपुर. राजस्थान की जेलों में बंद बंदियों (Prisoners) के कौशल विकास और जेल को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में लगातार नवाचार जारी है. पिछले साल जयपुर में शुरू किए गए नवाचार को अब प्रदेशभर में एक्सटेंड करने की तैयारी है. अब जल्द ही प्रदेशभर में 17 पेट्रोल पंप (Petrol pump) शुरू किए जा रहे हैं. इनका जिम्मा कैदियों के पास रहेगा. यानि कैदी ही पेट्रोल पम्प का संचालन करेंगे. शुरुआती तौर पर अलवर और भरतपुर में पेट्रोल पम्प शुरू करने को लेकर जेल प्रशासन और संबंधित कंपनी के बीच एमओयू हो चुका है. इसके साथ ही कोटा में एक और अजमेर में दो पेट्रोल पम्प शुरू करने की तैयारी है.

जेल डीजी राजीव दासोत ने बताया की 12 और जिलों में पेट्रोल पम्प शुरू करने को लेकर सर्वे किया जा चुका है. अक्टूबर 2020 में जयपुर में जेल प्रशासन की ओर से पहली बार पेट्रोल पंप शुरू किया गया था. उसे आज भी जयपुर ओपन जेल के बंदी संभाल रहे हैं. इस पेट्रोल पंप से जेल प्रशासन को 10 लाख रुपये की आय भी हो रही है. पेट्रोल पंप को मिल रहे रिस्पॉन्स और बंदियों के कौशल विकास से उत्साहित जेल प्रशासन ने अन्य जिलों में भी इस कवायद को शुरू करने की ठानी है.

जेल डीजी राजीव दासोत के अनुसार पेट्रोल पम्प शुरू करने से बंदियों को रोजगार मिल रहा है और जेल की चारदीवारी से मुक्ति भी. वहीं जेल विभाग को अच्छी आय भी हो रही है. इसे जेल के विकास में लगाया जा सकता है. उल्लेखनीय है कि राजस्थान की जेलों में गत कई बरसों से नवाचार किये जा रहे हैं. नवाचारों के मामले में राज्य की कोटा सेंट्रल जेल सबसे आगे है. यहां कैदी न्यूज लैटर भी निकाल रहे हैं. कैदियों की ओर से लिखे गये आर्टिकल इस न्यूज लेटर में प्रकाशित किये जा रहे हैं. वहीं उदयपुर की जेल में कैदी पेंटिंग्स का बेहतरीन कार्य कर रहे हैं.

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