निकले थे हनीमून के लिए लेकिन स्टेशन से गायब हुआ पति! सोनम रघुवंशी पार्ट 2, जानिए पूरी खबर

प्रयागराज के सरायममरेज थाना क्षेत्र के एक गांव का बेटा, जो गोवा में अपने पिता की कंपनी के साथ काम करता था, 3 जून को अपनी पत्नी के साथ मायके (भदोही के सुरियावां) गया था। 4 जून को वह गोवा लौटने प्रयागराज जंक्शन पहुँचा, लेकिन ट्रेन में चढ़ने से पहले ही गुमशुदा हो गया। उसके बाद उसका कोई पता नहीं चला। उसकी पत्नी अकेले मायके लौट आई और परिजनों ने सरायममरेज थाने में गुमशुदगी दर्ज करवाई। धीरे-धीरे इस घटना ने राजा रघुवंशी-केसे जैसी साजिश की याद ताज़ा कर दी।
दस दिन बाद हुआ चौंकाने वाला खुलासा
लगभग 10 दिनों बाद, 13 जून को युवक अचानक घर लौट आया। उसने बताया कि स्टेशन पर दो युवक—जो उसकी पत्नी के जानकार थे—उसे जबरन ट्रेन में बैठाकर कोलकाता ले गए, जहाँ उसे बंधक बनाकर रखा गया। दोनों ने उसे जान से मारने की धमकी भी दी, लेकिन वह किसी तरह भागकर वापस आ गया।
पुलिस को बताया गया क्या गया तो
युवक ने पुलिस को पूर्ण रूप से अपनी आपबीती सुनाई। सरायममरेज पुलिस ने सुरियावां थाना में शिकायत दर्ज़ कराने की सलाह दी क्योंकि आरोपितों में से कुछ के सुरियावां या आसपास के निवासी होने की संभावना जताई गई है । इसके अतिरिक्त, परिजनों ने इस पूरी घटना का नोटिस लेने और सुरक्षा पर ध्यान देने की अपील की है।
राजा रघुवंशी केस से तुलना
इस घटना की तुलना हाल ही में सामने आए राजा रघुवंशी-केस से की जा रही है, जिसमें शादी के 12 दिन बाद ही हनीमून के बहाने पति को पत्नी और उसके प्रेमी ने शूट करवाने की साज़िश रची थी। हालाँकि प्रयागराज की घटना में हत्या नहीं हुई, लेकिन पति को बंधक बनाने और उससे सफर करवा कर डराने की सुनियोजित साजिश स्पष्ट रूप में दिखती है।
क्या यह मानसिक, आर्थिक उत्पीड़न की घटना ?
बंधक बनाकर धमकाना, घर से दूर ले जाना, और जान से मारने की धमकी दे कर भय उत्पन्न करना गंभीर मामला है।
परिवारों द्वारा सुरक्षा की आवश्यकता और सिस्टम पर भरोसे के मुद्दे खड़े हो सकते हैं। भविष्य में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए क्या नीतियाँ अपनाई जाएं, यह सवाल उठता है।
गोवा यात्रा की आड़ में पति की अगवा करने की इस कोशिश ने एक बार फिर घरेलू सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं। चाहे वह शुभ शादी‑संस्कार के पीछे साजिश हो या प्रेम‑घटना हो—ऐसी घटनाएं पारिवारिक दूरी व अविश्वास पैदा करती हैं। पूरे देश को चाहिए कि घरेलू सुरक्षा, मानसिक स्वास्थ्य और पुलिस तथा न्याय व्यवस्था में सुधार के लिए योगदान दे।