दुष्कर्म के बाद चार घंटे का इंतज़ार या सज़ा? इलाज से पहले मिली बेरुखी! कैसा है ये VIP कल्चर

पटना के प्रमुख सरकारी अस्पताल पीएमसीएच (पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल) में सोमवार को एक नौ वर्षीय दुष्कर्म पीड़िता के साथ हुई लापरवाही ने बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं। मुजफ्फरपुर से रेफर की गई बच्ची को इलाज के लिए चार घंटे तक एंबुलेंस में तड़पते रहना पड़ा। इस दौरान न डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार किया और न ही अस्पताल प्रशासन ने उसे भर्ती करने की जहमत उठाई।

दर्द से कराहती रही मासूम, चार घंटे तक नहीं मिला इलाज

मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एसकेएमसीएच) से बेहतर इलाज के लिए दुष्कर्म पीड़िता को पटना रेफर किया गया था। लेकिन पीएमसीएच पहुंचने के बाद अस्पताल प्रशासन की लापरवाही का आलम यह रहा कि बच्ची को चार घंटे तक एंबुलेंस में ही बैठा रहने को मजबूर होना पड़ा। उसके गले और सीने पर गंभीर चोटें थीं और वह लगातार दर्द से तड़प रही थी।

स्वजन लगाते रहे गुहार, प्रशासन रहा उदासीन

बच्ची के साथ आए स्वजन लगातार डॉक्टरों और स्टाफ से मदद की गुहार लगाते रहे, लेकिन किसी ने उनकी ओर ध्यान नहीं दिया। चिकित्सा की तत्काल आवश्यकता के बावजूद पीएमसीएच की संवेदनहीनता ने स्थिति को और गंभीर बना दिया।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के हस्तक्षेप के बाद हरकत में आया प्रशासन

स्थिति तब बदली जब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार को मामले की सूचना मिली। वे तुरंत अस्पताल पहुंचे और उनके साथ आए समर्थकों ने प्रशासनिक उदासीनता के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इसके बाद अस्पताल प्रशासन हरकत में आया और करीब चार घंटे बाद पीड़िता को स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की आईसीयू में भर्ती कराया गया।

तीन विभागों की जिम्मेदारी, डॉक्टरों ने एंबुलेंस में की जांच

पीएमसीएच के प्रभारी अधीक्षक डॉ. अभिजीत सिंह ने कहा कि बच्ची के इलाज में तीन विभाग शामिल हैं – ईएनटी, सर्जरी और स्त्री रोग विभाग। चूंकि ईएनटी विभाग में उस समय भर्ती की सुविधा नहीं थी, इसलिए डॉक्टरों ने एंबुलेंस में ही उसकी जांच की। इसके बाद उसे स्त्री रोग विभाग में भर्ती कर इलाज शुरू किया गया।

बिचौलियों की भूमिका और स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल

इस घटना ने बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था की गंभीर खामियों को उजागर कर दिया है। जहां एक तरफ मासूम बच्ची अपराध का शिकार होती है, वहीं दूसरी ओर इलाज के लिए भी उसे अपमानजनक हालात से गुजरना पड़ता है।

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