पीएम मोदी ने गोबर धन प्लांट का किया उद्घाटन, कही ये बड़ी बात

150 करोड़ की लागत से बना यह प्लांट, एशिया का सबसे बड़ा बायो सीएनजी प्लांट

नई दिल्ली. देश में बायो गैस को प्रोत्साहित करने के उद्येश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज इंदौर के गोबर धन प्लांट का उद्घाटन किया. इस गोबर धन प्लांट से इंदौर शहर को ठोस अवशिष्ट पदार्थ को बायो गैस में बदला जाएगा जिससे ऊर्जी की प्राप्ति होगी. इंदौर शहर में बनकर तैयार हुए इस बायो-सीएनजी प्लांट का उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी ने वर्चुअली किया. 150 करोड़ की लागत से बना यह प्लांट प्रतिदिन 550 मीट्रिक टन गीले कचरे का निपटान होगा. यह प्लांट एशिया का सबसे बड़ा बायो सीएनजी प्लांट है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंदौर की तारीफ करते हुए कहा कि इंदौर के कचरे और पशुधन से गोबर धन और इससे स्वच्छता धन और फिर ऊर्जा धन बनेगा. देश के अन्य शहरों और गांवों में भी इस तरह के प्लांट बन रहे है. इससे पशुपालकों को गोबर से आय हो रही है. उन्होंने कहा कि जब हम पढ़ते थे तो इंदौर के नाम के साथ देवी अहिल्याबाई होलकर को याद करते थे. इंदौर ने आज भी देवी अहिल्या की प्रेरणा को नहीं खोया है.

इस शहर में 6 तरह के कचरे का प्रबंधन

पीएम मोदी ने कहा, इंदौर वाले सिर्फ सेव के शौकीन ही नही है, उन्हें सेवा करना भी आता है. प्रधानमंत्री ने सीएनजी प्लांट के लिए इंदौरवासियों और सीएम शिवराज की टीम और पूर्व सांसद सुमित्रा महाजन और सांसद लालवानी को भी बधाई दी. प्रधानमंत्री ने कहा, इंदौरवासी जब वाराणसी जाएंगे तो वहां पर देवी अहिल्या बाई की प्रतिमा का दर्शन भी करेंगे. इस मौके पर एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा, मैं इंदौर के लोगो को बधाई देता हूं. इंदौर एकमात्र ऐसा शहर है जो 6 तरह के कचरे को अलग करता है. 20 से ज्यादा बाजार जीरो वेस्ट बने है, 3 हजार बेकलेन बनी जहां बच्चे खेलते है. इंदौर में मैं भी झोलाधारी इंदौर चलाया जा रहा है. यहां नदियों को पुर्नजीवित किया जा रहा है.

जानिए गोबर धन परियोजना के बारें में

इस योजना के तहत पशुओं के अपशिष्ट, पत्तियों और अन्य ठोस कचरे को कम्पोस्ट, बायो-गैस और बायो-सीएनजी में बदला जाएगा. इस योजना के तहत कई गांवों में कई प्लांट लगाए जाएंगे. इन बायो प्लांटों को ग्रामीण परिवार, ग्रामीण परिवारों का समूह सरकार की मदद से स्थापित कर सकता है. ठोस कचरे का प्रबंधन कर स्वच्छ ऊर्जा की प्राप्त इस परियोजना का मुख्य उद्येश्य है. योजना के तहत सरकार किसानों से गोबर खरीद कर उसे खाद, बायो-गैस और बायो-सीएनजी में परिवर्तित करेगी.

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