पीयूष गोयल से कैट ने ई कॉमर्स मे ऐमज़ान एवं फ्लिपकार्ट की मदद कर रहे बैंकों एवं ब्रांड कम्पनियों की जाँच कराने का आग्रह किया

 

कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स ने आज केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को भेजे एक पत्र में उन सभी बैंकों, ब्रांड कंपनियों को भी सीसीआई जांच के दायरे में शामिल करने का अनुरोध किया है जो ऐमज़ान एवं फ्लिपकार्ट ई पोर्टलों पर उत्पादों को बेचने के लिए विभिन्न विशेष सौदों की पेशकश कर ई
कॉमर्स को असमान स्तर का खेल मैदान बनाने और बाजार में प्रतिस्पर्धा को विकृत करने का प्रयास कर रही हैं। कैट ने पत्र में ई-कॉमर्स व्यवसाय पर सरकार की नीति को रेखांकित करने के लिए पीयूष गोयल के मजबूत प्रयासों की सराहना करते हुए स्पष्ट किया कि उनके इन प्रयासों को सरकार के नीतिगत बयान के रूप देखा जा रहा है जिसके जरिये हम भारत मे एक समान स्तर का ई कॉमर बाजार और ई-कॉमर्स को एक तटस्थ मंच के रूप में बनाकर ई-कॉमर्स क्षेत्र में सुधार लाने की शुरुआत कर सकते है।

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि श्री गोयल को लिखे पत्र में हमने उन तमान बड़ी ऑनलाइन कंपनियों के अलावा, विभिन्न बैंक का भी उल्लेख किया जो इन कंपनियों के पोर्टल से सामान खरीदने के लिए विशेष कैश बैक और अन्य प्रोत्साहन प्रदान करते हैं, ऐसे ब्रांड मालिक और कंपनियां जो इन पोर्टलों को विभिन्न उत्पादों पर विशेष सौदे दे रही हैं, वे भी समान रूप से अपराधी हैं, जो ई-कॉमर्स को असमान स्तर का खेल मैदान बनाने और बाजार में प्रतिस्पर्धा को विकृत करने के लिए इन कंपनियों के साथ हाथ मिला रहे हैं। इन संस्थाओं के व्यापार मॉड्यूल को भी एक साथ जांच की आवश्यकता है क्योंकि वे इन बड़ी ऑनलाइन कंपनियों के करीबी सहयोगी के रूप में कार्य कर रहे हैं।

दोनो व्यापारी नेताओ ने बताया कि देश के विभिन्न बैंकों में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंक नियमित रूप से इन कंपनियों के पोर्टलों से की गई खरीदारी पर कैश बैक की पेशकश कर रहे हैं और साथ ही कई अन्य प्रकार की छूट और ऑफ़र भी दे रहे हैं जो ये बैंक उन उपभोक्ताओं को नहीं देते हैं जो भौतिक बाजारों से वही सामान खरीद रहे हैं। यह व्यापार और वाणिज्य गतिविधियों में भेदभाव करने का एक स्पष्ट मामला है जो भारत के संविधान की भावना और अन्य संबंधित नियमों और कानूनों के खिलाफ है।

भारतिय और  खंडेलवाल ने ये भी कहा कि कई बड़े ब्रांड, कंपनियां बड़े ऑनलाइन खुदरा विक्रेताओं को अपने कुछ उत्पादों को बेचने के लिए विभिन्न विशेष सौदों की पेशकश कर रही हैं जो केवल ई-कॉमर्स पोर्टल पर उपलब्ध हैं और ये ऑफ़र और सौदे भी संबंधित उत्पाद भौतिक बाजारों के लिए उपलब्ध नहीं हैं। चूंकि ये ब्रांडेड कंपनियां असमान प्रतिस्पर्धा करने के लिए भी दोषी हैं, इसलिए सीसीआई जांच के दायरे में इन बैंकों, ब्रांड और कंपनियों को भी शामिल करना चाहिए।

Related Articles

Back to top button