BJP मंत्री ने कहा – “तेरी ब्राह्मणी (…) में घुसेड़ दूंगा”, और कर दी पंडित जी की पिटाई.. Video Viral होते ही जोड़े हाथ-पैर

उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से एक शर्मनाक और सत्ता के घमंड को उजागर करने वाली घटना सामने आई है। विश्व हिंदू परिषद से जुड़े कर्मकांडी ब्राह्मण पंडित संतोष मिश्रा ने स्थानीय मंत्री और विधायक संजय गंगवार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मामला तब और चर्चाओं में आ गया जब पंडित जी की एक तीखी और बेबाक बाइट वायरल हो गई। डर के मारे मंत्री जी को झुकना पड़ा और आनन-फानन में पंडित को बुलाकर मनाने की कवायद शुरू कर दी गई।
पंडित जी पर फूटा मंत्री का गुस्सा
पंडित संतोष मिश्रा ने आरोप लगाया कि उन्हें मंत्री के करीबी सुनील मिश्रा ने फोन कर बुलाया था। संदेश था—“मंत्री जी आपसे मिलना चाहते हैं।” जब वह मंत्री कार्यालय पहुंचे तो मंत्री वहां मौजूद नहीं थे। 1-2 घंटे बाद दोबारा बुलाया गया, इस बार वहां भीड़ थी। तभी सुनील मिश्रा ने पंडित जी का हाथ पकड़कर उन्हें खींचते हुए केबिन में ले जाकर कहा—“संतोष मिश्रा पंडित आ गया है।”
इसके बाद जो हुआ, वह सत्ता की वहशत को दिखाने के लिए काफी है।
“तेरी ब्राह्मणी और तेरा संगठन घुसा दूंगा” – मंत्री
पंडित जी का आरोप है कि मंत्री संजय गंगवार ने उन्हें देखते ही अशोभनीय भाषा का प्रयोग शुरू कर दिया। उन्होंने सीधा कहा—
“तेरी ब्राह्मणी और तेरा संगठन घुसा दूंगा।”
पंडित जी जब पूछते हैं कि उनकी गलती क्या है, तो मंत्री उन्हें गालियां देने लगते हैं और मारने के लिए उठ खड़े होते हैं। इतने में उनके समर्थक भी उग्र हो जाते हैं और पंडित जी पर टूट पड़ते हैं। पंडित जी के अनुसार, उन्हें तीन बार पीटा गया—मंत्री के केबिन में, बाहर हॉल में और ऑफिस के बाहर।
मोबाइल छीना गया, जान बचाकर भागे – व्यापारी ने की मदद
इस दौरान पंडित जी का मोबाइल फोन भी छीन लिया गया, जिससे वीडियो और रिकॉर्डिंग मिटाई जा सके। तभी एक व्यापारी बबलू चौहान ने बीच-बचाव किया और पंडित जी को वहां से सुरक्षित निकाला।
ये घटना ना सिर्फ एक साधु के अपमान की कहानी है, बल्कि एक लोकतांत्रिक जनप्रतिनिधि की असहिष्णुता और निरंकुश व्यवहार की मिसाल है।
कोतवाली में दर्ज शिकायत, मंदिर-मठों में पूजा बंद करने की चेतावनी
घटना के बाद पंडित जी ने कोतवाली पहुंचकर मंत्री के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई और चेतावनी दी कि अगर 24 घंटे में कार्यवाही नहीं हुई, तो जिले के तमाम मंदिर-मठों में पूजा-पाठ बंद कर दिया जाएगा।
उन्होंने यह भी कहा कि—
“अगर विश्व हिंदू परिषद जैसे संगठन का सदस्य होकर मेरे साथ ये हुआ, तो आम आदमी के साथ क्या होता होगा?”
बाइट वायरल – मंत्री की ‘तुरंत शुद्धि’ शुरू: चरणवंदना और फोटोशूट
पंडित जी की बाइट पूरे जिले और सोशल मीडिया पर वायरल होते ही मंत्री जी के हाथ-पांव फूल गए। उन्हें समझ में आ गया कि मामला अब सिर्फ पंडित तक सीमित नहीं है, बल्कि ब्राह्मण समाज, विश्व हिंदू परिषद और चुनावी राजनीति तक पहुंच चुका है।
मंत्री ने तुरंत पंडित जी को अपने आवास बुलाया, पैर पकड़ने जैसी स्थिति में माफी मांगी, और फोटो-वीडियो शूट कराकर मीडिया को भेज दिए। कैमरे के सामने पंडित जी से कहलवाया गया कि “सब ठीक है, हमारा आशीर्वाद मंत्री जी पर बना रहेगा।”
सारा दोष एक पुलिसकर्मी पर डालकर ‘मामला रफा-दफा’ करने की चाल
मंत्री जी ने “न्याय” का नकाब ओढ़ते हुए कहा कि एक पुलिसकर्मी, जो उनकी सुरक्षा में तैनात था, वही पिटाई में शामिल था। मंत्री जी ने कैमरे के सामने वादा किया कि उस पुलिसकर्मी को सस्पेंड किया जाएगा।
इस ‘समझौते’ की पटकथा साफ है—सत्ता की हिंसा को सिस्टम की गलती बताकर खुद को निर्दोष दिखाना।
क्या विश्व हिंदू परिषद और बीजेपी में टकराव है?
यह घटना एक और गहरी सच्चाई को उजागर करती है—क्या भाजपा और विश्व हिंदू परिषद के रिश्ते अब पहले जैसे नहीं रहे? जिस भाजपा को हिंदू समर्थक पार्टी के रूप में प्रचारित किया जाता है, उसी पार्टी का एक मंत्री विश्व हिंदू परिषद से जुड़े कर्मकांडी ब्राह्मण को गालियां देता है, पीटता है, और फिर वायरल बाइट के डर से माफी मांगता है। सवाल उठता है कि क्या अब भाजपा नेताओं को भी विश्व हिंदू परिषद से भय या असहजता होने लगी है? या यह सत्ता की घमंड में उपजा वह अविश्वास है जो संघ परिवार के घटकों के बीच दूरी बढ़ा रहा है? यह टकराव अगर और बढ़ा, तो भाजपा की हिंदू समर्पित छवि पर बड़ा असर पड़ सकता है।
जब सत्ता से डर गया ब्राह्मण का गुस्सा
इस पूरी घटना ने सवाल खड़े कर दिए हैं—
- क्या मंत्री जी की माफी सिर्फ बाइट वायरल होने का नतीजा थी?
- क्या ब्राह्मण संगठनों की गरिमा और विश्व हिंदू परिषद का जुड़ाव केवल चुनावी समीकरण हैं?
- और क्या सत्ता की रक्षा के लिए बलि हर बार किसी ईमानदार नागरिक की ही चढ़ेगी?
सवाल बहुत हैं, जवाब कहीं नहीं। लेकिन इस मामले ने यह जरूर दिखा दिया कि नेता डरते हैं… बस कैमरे से, जनता से नहीं।