300 अलग हो चुके जोड़ों के लिए वरदान बनकर आई पीलीभीत पुलिस

  • पीलीभीत पुलिस ने इस वर्ष परिवार परामर्श केंद्र में समझौता कराकर लगभग 300 अलग हुए जोडों को मिलवाया
  • जनपद में 4 परामर्श केंद्र है,
  • परामर्श केंद्र में जनपद के संभ्रांत व्यक्ति और महिला पुलिस और संबंधित थाने के लोग मौजूद रहते है,
  • संबंधित co को बनाया गया है नोडल ऑफिसर।

 

परिवार में पति पत्नी के बीच छोटी-छोटी बातों को लेकर होने वाले विवाद अक्सर बड़ा रूप ले लेते है और वे फिर पुलिस से लेकर कोर्ट तक चले जाते है। नतीजा ये होता है कि माता पिता के अथक प्रयाशों से जोड़े गए रिश्तों में एक ऐसी दरार पड़ जाती है कि जुड़े हुए रिश्ते टूट जाते हैं। पीलीभीत पुलिस के पास भी इस तरह के बड़ी संख्या में प्रार्थना पत्र लगातार आते रहते है। पीलीभीत पुलिस ने इसका हल निकालने के लिए मंथन किया और वो काफी हद तक सही साबित हुआ है।

शासन और उच्चाधिकारियों के निर्देश पर पुलिस अधीक्षक ने पीलीभीत की 4 सर्किलों में जिले के संभ्रांत व्यक्तियों को शामिल कर एक-एक टीम का गठन किया और उनसे कहा गया कि पति-पत्नी के बीच विवाद से संबंधित जो भी प्रार्थना पत्र आते है, उन दोनों लोगो के परिवार और पति पत्नी को बुलाकर झगड़े की मुख्य वजह को जानकर समझौता कराने का प्रयास करे। पीलीभीत में अब ठीक ऐसा ही किया जा रहा है। परिणाम ये निकला की बीते इस वर्ष में 289 विवादित जोड़ो का समझौता कराया गया जो अब शकुशल एक साथ अपने घरों में रह रहे है।

पुलिस ये काम भी कराती है

नाराज,बिछड़े जोड़ो को परामर्श केंद्र में बुला कर उनको फिर से एक रहने का मौका देती है ,पति पत्नी के रिश्ते जब टूटने कि कगार पर आते है या कोई रास्ता नही बचता तो घर की लड़ाई थाने पहुँच जाती है। जब पीलीभीत पुलिस का नया रूप देखने को मिलता है। मुकदमा और सजा से दूर दोनो को फिर से मिलाती है। पीलीभीत पुलिस ने सैकड़ो जोड़ो के उजड़े हुए घर दुबारा बसा चुकी है।

पूरे जनपद कुल 4 टीमें गठित की गईं। जिनका नोडल ऑफिसर संबंधित co को बनाया गया। जिसे परिवार परामर्श का नाम दिया गया है। एक टीम में 11 सदस्य रहते है और महिला पुलिस बल व संबंधित थाने के लोग जो पहले दोनों परिवारों के मातापिता की बात सुनते है और बाद में पति पत्नी की बात सुनते है और दोनों की बात पर विचार करके विवाद को खत्म करने का प्रयास करते है।

इस परामर्श केंद्र के बारे में हमे अपर पुलिस अधीक्षक रोहित मिश्रा ने विस्तार से बताया कि शासन के निर्देश पर जनपद में भी व्यवस्था लागू की गई है। पुलिस अपने स्तर से परिवार परामर्श केंद्र चलाती है। पीलीभीत जनपद में चार सर्किल है, चारों सर्किल में अलग-अलग व्यवस्था की गई है। सिर्फ एक जगह पर नहीं की गई है क्योंकि दूर से लोगों को आना पड़ता था, इसलिए उनके सर्किल हेड क्वार्टर पर व्यवस्था दी गई है। इसमें समाज के जिम्मेदार लोगों को लिया गया है। इसके अलावा इसमें महिला पुलिस बल और स्थानीय थाने के लोग भी रहते हैं और संबंधित सीओ नोडल ऑफिसर बनाए गए हैं । परिवार परामर्श के द्वारा जो भी प्रकरण हमें प्राप्त होते हैं जिसमें पति-पत्नी के बीच विवाद होते है ,सर्वप्रथम में प्रयास किया जाता है कि परिवार परामर्श केंद्र में इन्हें लाया जाए। दोनों पक्षों को नोटिस देकर बुलाया जाता है। साथ में पुलिस के लोग भी दोनों की बातचीत कराकर प्रकरण को समाप्त किया जाता है। इस वर्ष काफी काम कराया गया है। लगभग 300 समझौते कराए गए है और सब परिवार वाले खुशी-खुशी रह रहे हैं और तब से कोई शिकायत नहीं आई है।

पुलिस का सार्थक प्रयास यहां पर चल रहा है कोई शिक्षा को लेकर या कोई ज्यादा पढ़ा लिखा है या कभी नौकरी करना चाह रहा है अलग-अलग विभिन्न कारणों को लेकर परिवार को लेकर विवाद आते रहते हैं और विवाद जब ज्यादा बढ़ जाता है, तो पुलिस के समक्ष आते हैं यथासंभव यह कोशिश रहती है कि कोई परिवार टूटने न पाए और कानूनी तौर पर कचहरी में अदालत में पहुंचने लगे तो परिवार टूटने की स्थिति में आ जाते हैं । एक बार FIR हो गई तो परिवार टूटने की स्थिति में आ जाते हैं । प्रयास यह ही रहता है की सब साथ रह सके।

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