बड़ी खबर: अधिकारी को थप्पड़ मारना पड़ा भारी, यूपी में हड़ताल पर कर्मचारी.. प्रशासन लाचार, आरोपी नेता आजाद!

पीलीभीत में जिला पंचायत की बोर्ड बैठक के दौरान एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। बैठक में मौजूद युवक ने जिला कृषि अधिकारी नरेंद्र पाल को न सिर्फ थप्पड़ मारा, बल्कि उनका गिरेबान पकड़कर धक्का भी दिया। यह घटना सदन में अफरातफरी का माहौल पैदा कर गई, जिससे प्रशासनिक अधिकारियों में गहरी नाराजगी देखने को मिली।
जिला पंचायत सदस्य से शुरू हुई नोकझोंक, फिर हिंसा में बदली
बैठक के दौरान जिला पंचायत सदस्य जिले में खाद की कमी को लेकर सवाल उठा रहे थे। जिला कृषि अधिकारी नरेंद्र पाल उनके सवालों का जवाब दे रहे थे, तभी बहस ने तीखा रूप ले लिया। आरोप है कि इसी दौरान सभा में मौजूद युवक नितिन पाठक ने अधिकारी पर हमला कर दिया। युवक ने कृषि अधिकारी को थप्पड़ मारा और गिरेबान पकड़कर धक्का भी दिया।
आरोपी नितिन पाठक और सहयोगी पर FIR दर्ज
इस घटना के बाद कृषि अधिकारी ने कोतवाली में तहरीर दी। उन्होंने बताया कि दियोरिया कला निवासी नितिन पाठक ने गाली-गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी दी। उसके सहयोगी और चालक अनमोल ने भी उन पर हमला किया। कोतवाली प्रभारी राजीव कुमार सिंह ने बताया कि दोनों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और जांच शुरू कर दी गई है।
कर्मचारियों का गुस्सा, विकास भवन में ताला और धरना
इस हमले के विरोध में शुक्रवार को विकास भवन के कर्मचारी हड़ताल पर चले गए। उन्होंने कार्यालय के गेट पर कमलबंद हड़ताल करते हुए प्रदर्शन किया और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि जब सदन में अफसरों की सुरक्षा नहीं हो सकती, तो वे काम कैसे करें।
प्रशासनिक चुप्पी और राजनीतिक हस्तक्षेप की आशंका
घटना के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. दलजीत कौर और अन्य अधिकारियों ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी हरमीक सिंह भी चुप्पी साधे रहे। वहीं, जिला पंचायत अध्यक्ष के पति गुरभाग सिंह ने तो अपना मोबाइल फोन ही बंद कर लिया, जिससे राजनीतिक दबाव की आशंका और गहरा गई है।
लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में हिंसा अस्वीकार्य
इस घटना ने लोकतांत्रिक संस्थाओं की गरिमा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक जनप्रतिनिधि सभा में अधिकारियों से जवाबदेही मांग सकता है, लेकिन हिंसा और धमकी का कोई स्थान नहीं होना चाहिए। अधिकारियों की सुरक्षा और स्वाभिमान की रक्षा करना शासन की प्राथमिक जिम्मेदारी है।