बच्चों को मिड डे मील न दिए जाने को लेकर PIL दाखिल, हाईकोर्ट ने 3 हफ्ते में मांगा जवाब

प्रयागराज. उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले (Prayagraj) के बेसिक और अपर बेसिक स्कूलों में बच्चों को मिड डे मील (Midday Meal ) न दिए जाने को लेकर दाखिल जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई हुई. आरोप है कि कोरोना संक्रमण काल के दौरान प्राइमरी के बच्चों को मिडडेमील और कन्वर्जन मनी का लाभ नहीं  दिया जा रहा है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामले में सख्त रुख अपनाया है.

याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने सभी पक्षकारों से 3 हफ्ते में जवाब मांगा है. कोर्ट ने राज्य सरकार, प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा, सचिव बेसिक शिक्षा परिषद और निदेशक बेसिक शिक्षा से जवाब मांगा है. इसके साथ ही कोर्ट ने सचिव, महिला एवं बाल विकास को इस मामले में पक्षकार बनाने का आदेश दिया है.

लॉ इंटर्न की ओर से दाखिल की गई जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि कोविड काल में बच्चों को राशन और कन्वर्जन मनी नहीं दी जा रही है. जबकि यूपी सरकार ने 29 मई 2020 और 27 मार्च 2021 को दो अलग-अलग शासनादेश जारी किए हैं. इन शासनादेशों का भी अधिकारी पालन नहीं कर रहे हैं. 24 अगस्त को मामले की अगली सुनवाई होगी.

सरकार के शासनादेश को भी किया दरकिनार

प्रयागराज जिले के 15 बेसिक, अपर बेसिक स्कूलों और मदरसों से जुटाई गई जानकारी के आधार पर जनहित याचिका दाखिल की गई है. इसमें कहा गया है कि कोविड काल में बच्चों को न तो राशन दिया जा रहा है, न हीं कन्वर्जन मनी दी जा रही है. इस संबंध में योगी सरकार ने शासनादेश भी जारी किया है लेकिन अधिकारी इसकी भी अनदेखी कर रहे हैं. एक्टिंग चीफ जस्टिस एमएन भंडारी और जस्टिस सुभाष चंद शर्मा की डिवीजन बेंच में मामले की सुनवाई हुई.

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