अच्छी खबर:फाइजर ने कहा- गरीब देशों में बन सकेगी हमारी कोविड टैबलेट

जर्मन कंपनी मर्क ने भी यही फैसला किया था

अमेरिकी कंपनी फाइजर ने कहा है कि उसकी कोविड-19 पिल (टैबलेट या गोली) गरीब देशों में बनाई और बेची जा सकेगी। फाइजर की इस टैबलेट का नाम पैक्सालोविड है और माना जा रहा है कि यह जल्द ही बाजार में उपलब्ध होगी।

फाइजर के पहले जर्मन कंपनी मर्क ने भी अपनी मोल्नुपिराविर कोविड टैबलेट के बारे में यह फैसला किया था कि ये टैबलेट दूसरी कंपनियां भी बना और बेच सकेंगी। आसान शब्दों में कहें तो दूसरी कंपनियों को भी इन टैबलेट्स को बनाने का लाइसेंस मिल जाएगा।

53% आबादी तक पहुंचेगी जेनरिक मेडिसिन
मंगलवार को जारी बयान में, फाइजर ने कहा कि वह जिनेवा स्थित मेडिसिन पेटेंट पूल (MPP) को एंटीवायरल पिल का लाइसेंस देगा। इससे जेनेरिक दवा कंपनी गोली का उत्पादन कर सकेंगी। इन गोलियों का उपयोग लो और मिड इनकम वाले 95 देशों में किया जा सकेगा।

यानी करीब 53% आबादी की इस गोली तक पहुंच होगी। इस डील में ब्राजील जैसे कुछ बड़े देश शामिल नहीं हैं। अग्रीमेंट की शर्तों के तहत, फाइजर को कम आय वाले देशों में बिक्री पर रॉयल्टी नहीं मिलेगी।

मृत्यु जोखिम को 85% तक कम कर देती है टैबलेट
इस महीने की शुरुआत में, फाइजर ने कहा था कि उसकी टैबलेट हल्के से मध्यम कोरोनावायरस संक्रमण वाले लोगों में अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु के जोखिम को लगभग 85% तक कम कर देती है।

रेगुलेटर्स की जल्द मंजूरी चाहता है फाइजर
फाइजर अब जल्द से जल्द इस दवा की यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन और अन्य रेगुलेटर्स से मंजूरी चाहता है। कोरोना महामारी के बाद से ही रिसर्चर ऐसी गोली विकसित करने की कोशिश कर रहे थे जिसे घर पर आसानी से लिया जा सके।

फाइजर टैबलेट के फायदे
पैक्सालोविड कोविड-19 के लक्षणों को कम करती है। कोरोना के इलाज में इस टैबलेट को ऐतिहासिक कामयाबी के तौर पर देखा जा रहा है। इससे मौतों की संख्या तो कम की ही जा सकेगी, इसके अलावा ज्यादातर मरीजों को अस्पताल जाए बिना घर में ही ठीक किया जा सकेगा।

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