वाराणसी में शृंगार गौरी आदि विश्वेश्वर की पूजा बहाली के लिए याचिका

वाराणसी,  उत्तर प्रदेश में वाराणसी की एक अदालत में एक नई याचिका दायर कर  काशी विश्वनाथ मंदिर के पास स्थित मां शृंगार गौरी एवं आदि विश्वेश्वर की पूजा बहाल करने का आदेश देने का आग्रह किया गया है ।


सिविल जज (सीनियर डिविजन) के अवकाश पर होने के कारण गुरुवार को याचिका अपर सिविल जज (सीनियर डिविजन) कुमुद लता त्रिपाठी की अदालत में दाखिल की गई, जहां उसे पोषणीयता के लिए नियमित अदालत (सिविल जज- सीनियर डिविजन) को संदर्भित कर दिया गया ।


याचिका में केंद्र सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार,श्री काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट, उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी, वाराणसी के जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पक्षकार बनाये गये हैं।


सिविल जज (सीनियर डिविजन) की अदालत में रंजना अग्निहोत्री समेत आठ लोगों ने अपनी याचिका में कहा है कि शृंगार गौरी एवं आदि विश्वेश्वर की प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती रही तथा यह मंदिर के पांच कोस अवमुक्त क्षेत्र
के दायरे आते है। श्री काशी विश्वनाथ अधिनियम में भी पुराने मंदिरों के अस्तित्व को मान्यता दी गई है।


याचिकाकर्ताओं का आरोप है वर्ष 1669 में मुगल शासक औरंगज़ेब ने मंदिर का एक हिस्सा ध्वस्त करवा कर दिया था जबकि देवता स्वयंभू मालिक हैं। ऐसे में मंदिर के एक हिस्से को मस्जिद नहीं माना जा सकता है, न ही वक्फ बनाया जा


सकता है। याचिका में काशी विश्वनाथ मंदिर के न्यास मंडल को शृंगार गौरी एवं आदि विश्वेश्वर की पूजा बहाल करने का निर्देश देने की गुहार लगायी है। ग़ौरतलब है कि ज्ञानवापी मस्जिद-शृंगार गौरी एवं आदि विश्वेश्वर मंदिर विवाद पहले से चल रहे हैं।

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