बिहार में चरम पर गुंडाराज ! घर में घुसकर दो मासूम बच्चों को जिंदा जलाया, जिसने लाशें देखीं.. वो हुआ बेहोश !

बिहार की राजधानी पटना से एक ऐसी खबर सामने आई है जिसने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है। जानीपुर थाना क्षेत्र में दो मासूम बच्चों को उनके ही घर में बंद कर जिंदा जला दिया गया। यह घटना इतनी वीभत्स है कि जिसने भी सुनी, वह स्तब्ध रह गया। पीड़ित परिवार के अनुसार, यह हादसा नहीं बल्कि एक सोची-समझी साजिश थी। फिलहाल पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है।

स्कूल से लौटे थे बच्चे, घर में लगी आग

घटना गुरुवार दोपहर की बताई जा रही है। दो मासूम भाई-बहन, अंशुल (10 वर्ष) और अंजलि (6 वर्ष), स्कूल से लौटकर घर पर अकेले थे। उनकी मां एम्स, पटना में नर्स हैं और उस वक्त ड्यूटी पर थीं। जब वह दोपहर में घर लौटीं तो दरवाजा अंदर से बंद था और अंदर से धुंआ निकल रहा था। जब दरवाजा तोड़ा गया, तो देखा गया कि दोनों बच्चों की जलकर मौत हो चुकी थी।

संदिग्ध हालात में लगी आग: हादसा या हत्या?

स्थानीय लोगों और परिजनों का मानना है कि यह सिर्फ एक दुर्घटना नहीं थी। उनका आरोप है कि किसी ने जानबूझकर बच्चों को घर में बंद कर आग लगाई। पुलिस ने घटनास्थल से जले हुए कपड़े, बिस्तर और अन्य सामग्रियों को जब्त किया है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि आग किस कारण लगी। पुलिस अब हर संभावित एंगल से जांच में जुट गई है।

माँ की हालत बेहाल, परिजनों में ग़म और ग़ुस्सा

बच्चों की माँ जब घर पहुंची और यह भयावह दृश्य देखा, तो वह बेसुध हो गईं। परिवार में मातम छा गया है। आस-पड़ोस के लोग भी इस घटना से बेहद आहत हैं। कई लोगों का कहना है कि अगर समय रहते मदद मिलती तो शायद बच्चों की जान बचाई जा सकती थी। क्षेत्रीय लोग प्रशासन से इस मामले की निष्पक्ष और त्वरित जांच की मांग कर रहे हैं।

मौके पर पहुंची फॉरेंसिक टीम, सबूत जुटाए जा रहे

जानीपुर थानाध्यक्ष ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई थी। पूरे घर की फॉरेंसिक जांच की जा रही है। बच्चों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। शुरुआती जांच में शॉर्ट सर्किट की संभावना जताई जा रही है, लेकिन परिवार द्वारा दर्ज कराए गए बयानों को भी गंभीरता से लिया जा रहा है।

इलाके में सनसनी, प्रशासन से न्याय की मांग

इस दर्दनाक घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। लोग स्तब्ध हैं और सोशल मीडिया पर भी इस घटना को लेकर गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। कई सामाजिक संगठनों ने भी इस जघन्य घटना की निंदा की है और बच्चों के हत्यारों को सख्त सजा देने की मांग की है।

एक बार फिर सवालों के घेरे में है सुरक्षा व्यवस्था

पटना जैसे बड़े शहर में ऐसी भयावह घटना होना सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है। क्या बच्चे अब घरों में भी सुरक्षित नहीं हैं? क्या प्रशासन समय रहते कोई ठोस कदम उठाएगा? इन सवालों के जवाब अब पूरे राज्य को चाहिए। जब तक आरोपियों को पकड़कर सजा नहीं दी जाती, तब तक यह मातम और भी गहरा होता रहेगा।

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