AIIMS में विधायक के साथ भयंकर मारपीट, आधा घंटे बंधक बनाकर मारा.. मरीज से मिलने पहुंचे थे

राजधानी पटना स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में सोमवार देर रात जो घटना घटी, उसने राज्य की कानून व्यवस्था को कठघरे में खड़ा कर दिया है। विधायक चेतन आनंद पर अस्पताल परिसर में कुछ लोगों ने हमला किया और उन्हें करीब आधे घंटे तक बंधक बनाकर रखा। चेतन आनंद वहां एक बीमार परिचित को देखने पहुंचे थे। यह घटना न केवल चौंकाने वाली है बल्कि यह भी दर्शाती है कि अस्पताल जैसी जगह पर भी जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं हो पा रही है।
मरीज से मुलाकात के दौरान अचानक हमला
जानकारी के अनुसार, विधायक चेतन आनंद बुधवार रात पटना एम्स के वार्ड नंबर 7 में भर्ती एक मरीज से मुलाकात करने पहुंचे थे। बताया जा रहा है कि इसी दौरान अस्पताल के गार्ड के साथ विधायक और समर्थकों की कहासुनी हो गई। जिसके बाद ये विवाद पैदा हो गया। फिर कुछ लोगों ने उन्हें घेर लिया, उनके साथ धक्का-मुक्की की और मारपीट करने लगे। हमलावरों ने उन्हें करीब आधे घंटे तक अंदर ही बंधक बनाए रखा। जब तक अस्पताल के सुरक्षाकर्मी या पुलिस मौके पर पहुंचे, तब तक हालात काफी बिगड़ चुके थे।
“यह मेरे साथ नहीं, लोकतंत्र के साथ हुआ हमला”
घटना के बाद चेतन आनंद ने मीडिया से बातचीत में कहा, “यह सिर्फ एक विधायक पर हमला नहीं है, बल्कि यह लोकतंत्र पर सीधा हमला है। जब एक जनप्रतिनिधि सुरक्षित नहीं है, तो आम जनता की सुरक्षा की क्या उम्मीद की जाए?” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अस्पताल प्रशासन ने समय पर कोई सहायता नहीं की और सुरक्षाकर्मी मूकदर्शक बने रहे।
अस्पताल प्रशासन की चुप्पी और पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल
घटना के बाद भी एम्स प्रशासन की तरफ से कोई स्पष्ट बयान नहीं आया है, जो पूरे मामले को और भी संदिग्ध बना देता है। वहीं, स्थानीय पुलिस ने शिकायत दर्ज कर ली है और सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। हालांकि, इस बीच यह सवाल उठ रहा है कि जब एक विधायक के साथ ऐसी घटना हो सकती है, तो आम लोगों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जा रही है?
राजनीतिक गलियारों में हलचल: विपक्ष ने सरकार पर साधा निशाना
इस हमले के बाद विपक्ष ने राज्य सरकार पर सीधा हमला बोला है। राजद नेताओं ने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार की सरकार में कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है और अपराधियों को कोई डर नहीं है। सोशल मीडिया पर भी लोगों ने घटना को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी है और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
RJD छोड़ चुके हैं चेतन आनंद
यहां उल्लेख करना आवश्यक है कि चेतन आनंद पहले RJD के विधायक थे, लेकिन पिछले साल बिहार विधानसभा में नीतीश सरकार के फ्लोर टेस्ट के दौरान उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी और NDA का समर्थन किया था। उनके साथ तीन अन्य विधायकों ने भी RJD से इस्तीफा देकर पाला बदल लिया था। RJD इन चारों विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग कर रही है और विधानसभा अध्यक्ष को पत्र भी भेज चुकी है, हालांकि अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
सुरक्षा व्यवस्था पर फिर उठे सवाल
पटना जैसे उच्च-सुरक्षा वाले इलाके में स्थित एम्स में विधायक के साथ मारपीट और बंधक बनाने की घटना ने साबित कर दिया है कि बिहार की कानून व्यवस्था को तत्काल सशक्त बनाने की जरूरत है। यदि जनप्रतिनिधि खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, तो आम नागरिकों की स्थिति का अंदाज़ा लगाना मुश्किल नहीं।