फिर कोविड का कहर: AIMS की डॉक्टर, नर्स समेत 7 लोग कोरोना पॉजिटिव, 1 हफ्ते में तीन गुना हुए केस

बिहार की राजधानी पटना में कोविड-19 के नए मामलों ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है। पटना स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में एक महिला डॉक्टर, एक महिला नर्स और एक अन्य कर्मचारी समेत कुल छह लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इनमें से तीन का इलाज एम्स के वरिष्ठ डॉक्टरों की निगरानी में किया जा रहा है, जबकि अन्य होम आइसोलेशन में हैं।

एनएमसीएच और अन्य क्षेत्रों में भी संक्रमण की पुष्टि

नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एनएमसीएच) में भी दो मरीजों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है। इसके अलावा, पटना के आरपीएस मोड़ क्षेत्र के एक 42 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट भी पॉजिटिव पाई गई है, जिसने राजा बाजार स्थित एक निजी लैब में जांच करवाई थी। सिविल सर्जन डॉ. अविनाश कुमार सिंह के अनुसार, पटना में अब कुल नौ सक्रिय कोविड-19 मामले हैं।

क्या करें, क्या न करें

स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, संक्रमितों में सामान्य सर्दी, खांसी, बुखार और बदन दर्द जैसे लक्षण देखे गए हैं। हालांकि, अधिकांश मामलों में संक्रमण का स्तर हल्का है और घबराने की आवश्यकता नहीं है। फिर भी, नागरिकों को मास्क पहनने, हाथों की नियमित सफाई करने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की सलाह दी गई है।

स्वास्थ्य विभाग की तैयारियां और निर्देश

कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए, पटना समेत बिहार के अन्य जिलों के मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में सतर्कता बढ़ा दी गई है। आईजीआईएमएस के अधीक्षक डॉ. मनीष मंडल ने बताया कि विभाग के अपर मुख्य सचिव के निर्देश पर आईजीआईएमएस में ऑक्सीजन के 12 बेड और आईसीयू के तीन बेड कोरोना मरीजों के लिए सुरक्षित रखे गए हैं। इसके अलावा, कोरोना मरीजों के लिए इलाज के लिए एक डेडिकेटेड डॉक्टरों की क्विक रिस्पॉन्स टीम गठित की गई है।

सतर्कता ही सुरक्षा

पटना में कोविड-19 के नए मामलों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि महामारी अभी समाप्त नहीं हुई है। हालांकि अधिकांश मामलों में लक्षण हल्के हैं, फिर भी सतर्कता और सावधानी बरतना आवश्यक है। स्वास्थ्य विभाग की तैयारियों और नागरिकों की जागरूकता से ही संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ा जा सकता है।

 

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