राजस्थान में सक्रिय पारदी गैंग:गली-मोहल्लों में गुब्बारे बेचने के नाम पर करते हैं रेकी,

सूने और वृद्ध जनों के घरों में चोरी

पुलिस की गिरफ्त में पारदी गैंग।

बीकानेर में पिछले दिनों हुई 90 लाख की चोरी के बाद पुलिस राजस्थान में सक्रिय मध्यप्रदेश की पारदी गैंग काे तलाशने में जुटी है। गली-मोहल्ले में गुब्बारे या फिर कुछ और सामान बेचने के नाम पर पारदी गैंग रेकी करता है, फिर वारदात को अंजाम देता है। सामान बेचने के बाद भी इस गैंग के सदस्यों की निगाहें आपके घरों पर टिकी रहती हैं। आपके आसपास अगर ऐसा कुछ दिखे तो सावधान हो जाएं। बीकानेर में पिछले दिनों पूगल रोड पर हुई 90 लाख रुपए के आभूषणों की चोरी में इसी गैंग का हाथ था। कुछ इसी अंदाज में गैंग ने रेकी की थी, फिर वारदात को अंजाम दिया।

पारदी गैंग कहां से?
मूल रूप से मध्य प्रदेश के गुना सहित कुछ राज्यों में रहने वाले परिवार चोरी की वारदात करते हैं। इन्हें ही राजस्थान पुलिस पारदी गैंग कहती है। इन परिवारों का मूल काम ही चोरी करना है। पति-पत्नी और बच्चे सहित सभी मध्य प्रदेश से दूर हिन्दी भाषी एरिया में जाकर चोरी करते हैं और वापस अपने गांव पहुंच जाते हैं। सब अलग-अलग रास्तों से जाते हैं और अलग-अलग ही वापस गांव पहुंचते हैं। इससे किसी को शक नहीं होता।

कैसे करते हैं रेकी?
पुलिस के मुताबिक इस गैंग की महिलाएं और पंद्रह-सोलह साल के लड़के-लड़की गली-गली में गुब्बारे बेचने के लिए जाते हैं। गली मोहल्लों में गुब्बारे बेचते हुए वो घर के मुख्य दरवाजे तक आ जाते हैं। न सिर्फ गुब्बारे बल्कि घर में काम आने वाली कई चीजें लेकर ये निकलते हैं। जब आप इनसे कुछ खरीद रहे होते हैं तो इनकी निगाहें आपके घर पर होती है। इन्हें पता चल जाता है कि घर में कब कौन रहता है। इसके बाद इन्हें जिस घर में अच्छा खासा सामान होने की उम्मीद होती है, वहां चोरी के लिए पहुंच जाते हैं।

हमले की तैयारी रहती है
गैंग के सदस्य घर में घुसने का सबसे आसान तरीका अपनाते हैं। इनके पास पत्थर सहित कुछ छोटे-मोटे हथियार होते हैं। चोरी के दौरान अगर कोई जाग जाता है तो उस पर पत्थर बरसाते हैं। अगर कोई इन पर हमला करता है तो कई बार हत्या तक कर देते हैं।

यहां डालते हैं डेरा
आमतौर पर ये लोग शहर के निर्माणाधीन मकानों में शरण लेते हैं, जहां काम बंद होता है। कुछ शहरों में रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड के आसपास भी डेरा डाल लेते हैं। कई बार नई कॉलोनियों में ही खाली पड़े प्लॉट्स पर रहने लगते हैं। चोरी की वारदात के बाद ये लोग यहां से गायब हो जाते हैं।

मध्य प्रदेश के ये पुलिसकर्मी कर चुके अध्ययन
बीकानेर के पूगल रोड पर स्थित 2 अक्टूबर की रात एक घर से 90 लाख रुपए के आभूषण चोरी हुए थे। यह करतूत मध्य प्रदेश के गुना में रहने वाली गैंग की थी। उन्होंने चोरी से पहले एरिया में रेकी की। चार घंटे तक आसपास एक सूने बाड़े में बिताने के बाद रात ढाई बजे चोरी की वारदात को अंजाम दिया। अब तक तीन को गिरफ्तार किया है, जिसमें एक नाबालिग और दो महिलाएं हैं। बीकानेर में हुई चोरी का राज खोलने में भी मध्य प्रदेश पुलिस का सहयोग रहा। मध्य प्रदेश के आगर मालवा रेंज के पारदी स्पेशलिस्ट सब इंस्पेक्टर रामवीर सिंह राजावत ने ही इसका पता लगाया।

पहले भी वारदात कर चुका है पारदी गैंग

2015 में जारी किया था अलर्ट : साल 2015 में कुख्यात पारदी गैंग के बीकानेर शहर में घुसने की सूचना पर उस समय के पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार चालके ने अलर्ट जारी किया था। इसके बाद आमजन से सावधान बरतने की अपील भी की। पुलिस ने आमजन को इनके अपराध करने के तरीके से भी अवगत कराया था।

2016 में भी हुई थी एक और वारदात : बीकानेर के गंगाशहर थाना क्षेत्र में करीब पांच साल पहले 2016 में एक घर से लाखों रुपए की चोरी की गई। ये घटना भी रात के समय हुई थी। चोर घर के एक कमरे में रखे आभूषण और नकदी ले गए। इस चोरी में भी पारदी गैंग का हाथ था। कुछ की गिरफ्तारी भी हुई, लेकिन सारा सामान बरामद नहीं हो सका था।

एमपी से जयपुर आकर करते थे चोरियां : साल 2017 के सितंबर में जयपुर की ट्रांसपोर्टनगर और खो-नागोरियान थाना पुलिस ने पारदी गैंग के तीन शातिर नकबजनों को दबोचा था। ये गुना, मप्र से ट्रेन से जयपुर आते थे और वारदात कर फिर दिल्ली भाग जाते थे। आरोपियों ने कई वारदातें कबूलीं।

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