शुरू हुआ भारत का ‘ऑपरेशन शील्ड’, खास इलाकों में मॉक ड्रिल, क्या पाकिस्तान होने वाला है सरप्राइज ?

भारत-पाकिस्तान के बीच हाल के तनाव के बीच सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा करने के लिए शनिवार को छह राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश में ऑपरेशन शील्ड के तहत मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा। यह ड्रिल पहली बार 10 मई से लागू संघर्ष विराम के बाद हो रही है। पहले यह ड्रिल बृहस्पतिवार को होनी थी, लेकिन प्रशासनिक कारणों से स्थगित कर दी गई थी। इस मॉक ड्रिल के जरिए हवाई हमलों से बचाव और आपातकालीन तैयारियों की समीक्षा की जाएगी।

ऑपरेशन शील्ड मॉक ड्रिल का महत्व और उद्देश्य

ऑपरेशन शील्ड के तहत यह मॉक ड्रिल सीमावर्ती राज्यों जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, गुजरात के साथ हरियाणा और केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ में शाम 5 बजे से आयोजित की जाएगी। इसका उद्देश्य हवाई हमलों, ड्रोन और मिसाइल हमलों का सामना करने के अभ्यास के साथ-साथ स्थानीय प्रशासन की आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली की तत्परता को परखना है। मॉक ड्रिल के दौरान सुरक्षा और आपातकालीन व्यवस्थाओं की जांच होगी तथा ब्लैकआउट का भी आयोजन किया जाएगा।

मॉक ड्रिल में क्या-क्या होगा?

गृह विभाग के निर्देशानुसार, मॉक ड्रिल के दौरान प्रत्येक जिले में एक ही स्थान पर अभ्यास किया जाएगा। इसमें शामिल मुख्य बिंदु हैं:

दुश्मन के विमानों, ड्रोन और मिसाइल हमलों से बचाव के उपायों का अभ्यास

हवाई हमलों की चेतावनी देने वाले सायरन बजाना

आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणालियों का परीक्षण

पूरी तरह से ब्लैकआउट लागू करना

महत्वपूर्ण ठिकानों और प्रतिष्ठानों की सुरक्षा

खतरे वाले इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजना

वायुसेना और नागरिक सुरक्षा नियंत्रण कक्ष के बीच हॉटलाइन स्थापित करना

एनसीसी, एनएसएस, भारत स्काउट एवं गाइड जैसे स्वयंसेवकों की सेवाओं का उपयोग

सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा और स्थानीय प्रशासन की भूमिका

शुक्रवार को अधिकारियों ने बैठक कर मॉक ड्रिल की तैयारियों की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। नागरिक सुरक्षा अधिकारियों ने स्थानीय प्रशासन से आग्रह किया है कि वे सभी संबंधित विभागों और एजेंसियों को शामिल करते हुए सतर्कता के साथ ड्रिल का आयोजन करें। इस ड्रिल में अग्निशमन सेवा और होमगार्ड महानिदेशालय भी सक्रिय भागीदारी निभाएंगे। इस अभ्यास से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया दी जा सके।

पिछली मॉक ड्रिल का संदर्भ

इससे पहले पहलगाम आतंकी हमले के बाद 7 मई को केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर पूरे देश के 244 जिलों में व्यापक मॉक ड्रिल आयोजित की गई थी। वर्तमान मॉक ड्रिल उसी कड़ी की अगली कड़ी है, जो देश की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने और नागरिकों को संभावित खतरों से सुरक्षित रखने के लिए जरूरी कदम है।

सतर्कता और सुरक्षा की दिशा में कदम

सभी संबंधित राज्य और केंद्रशासित प्रदेश प्रशासन ने मॉक ड्रिल के लिए पूर्ण तैयारियां कर ली हैं। ऑपरेशन शील्ड के तहत होने वाली यह मॉक ड्रिल भारत की सीमाओं की सुरक्षा को और प्रभावी बनाने के साथ-साथ नागरिक सुरक्षा के महत्व को दर्शाती है। ऐसे अभ्यास सुरक्षा तंत्र को मजबूत करते हैं और आपातकालीन परिस्थितियों में बेहतर तैयारी सुनिश्चित करते हैं।

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