तालिबान के क़ब्ज़े के एक महीने पूरे, अफ़ग़ानिस्तान में क्या-क्या हुआ

अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के कब्ज़े को एक महीना हो गया है. बीते महीने की 15 तारीख़ को ही तालिबान ने अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्ज़ा किया था. उम्मीद की जा रही थी कि तालिबान लड़ाकों के लिए काबुल पर कब्ज़ा करना मुश्किल होगा लेकिन अमेरिकी सैनिकों की वापसी के साथ ही तालिबान ने महज़ कुछ दिनों में ही पूरे देश पर कब्ज़ा कर लिया.

बीते एक महीने में अफ़ग़ानिस्तान में क्या कुछ बदला-

15 अगस्त 2021 – तालिबान लड़ाकों ने राजधानी काबुल में प्रवेश किया. देखते ही देखते उन्होंने पूरे काबुल को अपने कब्ज़े में ले लिया. यह इतना त्वरित था कि दुनिया आश्चर्यचकित रह गई.

15 अगस्त को जब तालिबान लड़ाके काबुल की घेराबंदी कर रहे थे तभी राष्ट्रपति अशरफ़ ग़नी अचानक देश छोड़ गए थे.

अफ़ग़ानिस्तान छोड़कर जाने की इच्छा रखने वाले विदेशियों, अफ़ग़ानों का हुजूम काबुल के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर जमा हो गया, जिससे अफ़रा-तफ़री मच गई. कई लोग इसमें मारे गए और कई घायल हुए.

17 अगस्त 2021- अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अफ़ग़ानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी पर अपनी चुप्पी तोड़ी. इसके साथ ही अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान की सत्ता में वापसी पर भी मुहर लग गई.

हवाई अड्डे और उसके बाहर सैकड़ों की संख्या में इंतज़ार करते लोगों की तस्वीरों और हवाई जहाज़ के साथ भागते, उसके डैनों पर चढ़ने की कोशिश करते लोगों की तस्वीरों और फुटेज ने दुनिया भर में सुर्खियां बटोरीं. अफ़ग़ानिस्तान के हालात के लिए वॉशिंगटन की नीति की आलोचना भी हुई.

तालिबान के प्रवक्ता ज़बीहुल्लाह मुजाहिद ने पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने अफ़गान नागरिकों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आश्वासन दिया कि उनका नया शासन पहले से जुदा होगा और महिलाओं के अधिकारों का सम्मान किया जाएगा.

18 अगस्त 2021 – पूर्वी शहर जलालाबाद में तालिबान विरोधी प्रदर्शन हुए जिसमें कुछ लोगों के मारे जाने की भी ख़बर आयी.

19 अगस्त 2021 – काबुल हवाई अड्डे पर अफ़रा-तफ़री जारी रही. हवाई अड्डे के एक हिस्से पर मौजूद तालिबान लड़ाकों की फ़ायरिंग से भगदड़ मच गई.

तालिबान के आश्वासन के बावजूद विदेशी सेना की मदद करने वालों से पूछताछ और हिंसा की ख़बरें आती रहीं.

असदाबाद और काबुल में तालिबान विरोधी प्रदर्शन हुए.

21 अगस्त 2021- तालिबान ने कहा कि वो तालिबान लड़ाकों के अत्याचारों की रिपोर्ट की जांच करेगा. उसने एकबार फिर आश्वासन दिया कि वह लोगों के अधिकारों की रक्षा करेगा. उन्होंने कहा कि हवाई अड्डे की अव्यवस्था उनकी वजह से नहीं है. उन्होंने दावा किया कि जो लोग जाना चाहते हैं और जिनके पास दस्तावेज़ हैं, वे उन्हें सुरक्षित जाने दे रहे हैं.

23 अगस्त 2021 – हाजी मोहम्मद इदरीस को आर्थिक उथल-पुथल के बीच केंद्रीय बैंक का कार्यवाहक गवर्नर नामित किया गया.

24 अगस्त 2021 – विश्व खाद्य कार्यक्रम ने कहा कि कोरोना और सूखे की मार के कारण देश में लाखों लोग भुखमरी का सामना कर सकते हैं.

26 अगस्त 2021 – काबुल हवाई अड्डे के पास एक आत्मघाती हमले में 13 अमेरिकी सैनिकों सहित क़रीब सौ से अधिक लोग मारे गए. इस्लामिक स्टेट की एक स्थानीय शाखा ने हमले की ज़िम्मेदारी ली.

27अगस्त 2021 – अमेरिका ने ड्रोन हमला किया.

29 अगस्त – अमेरिका ने दावा किया कि ड्रोन हमले में एक संदिग्ध आत्मघाती हमलावर को निशाना बनाया गया.जिसके बारे में पेंटागन ने कहा था कि वह काबुल हवाई अड्डे पर हमला करने की तैयारी कर रहा था.

वहीं इस हादसे में आम नागरिकों के मारे जाने को लेकर सवाल उठे. तालिबान ने बाद में हमले की निंदा की और कहा कि इस हमले में नागरिक हताहत हुए.

30 अगस्त 2021 – यूएस सेंट्रल कमांड के प्रमुख जनरल फ्रैंक मैकेंज़ी ने 20 साल तक चले युद्ध को समाप्त करते हुए अमेरिकी सेना की पूर्ण वापसी की घोषणा की.

तालिबान ने जश्न मनाया.

31 अगस्त 2021 – बैंकों के बाहर लंबी कतारें, स्टेपल की बढ़ती कीमतें और अफ़ग़ानिस्तान छोड़ने की हर संभव कोशिश करते लोगों की तस्वीरें लगातार आती रहीं.

3 सितंबर 2021 – तालिबान ने दावा किया कि उन्होंने काबुल के उत्तर में पंजशीर प्रांत पर कब्ज़ा कर लिया है. पंजशीर के लड़ाकों ने कहा कि वे अभी भी डटे हुए हैं.

4 सितंबर 2021 – सहायता उड़ानों और घरेलू सेवाओं के लिए काबुल हवाई अड्डे को फिर से शुरू किया गया.

7 सितंबर 2021 – तालिबान ने अपनी नई सरकार की घोषणा की और इसके साथ ही हफ़्तों की बातचीत और अटकलों का दौर समाप्त हो गया. मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को प्रधानमंत्री पद, मुल्ला अब्दुल ग़नी बरादर को उप प्रधानमंत्री बनाया गया.

9 सितंबर 2021 – नई तालिबान सरकार के तहत पहली वाणिज्यिक अंतरराष्ट्रीय उड़ान काबुल से 100 से अधिक विदेशियों को लेकर रवाना हुई.

13 सितंबर 2021 – दुनिया के कुछ देशों ने अफ़ग़ानिस्तान के लिए क़रीब एक अरब डॉलर सहायता राशि देने का वादा किया.

14 सितंबर – कंधार में लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया.

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