एक ही रात में, एक ही तरीके से, एक ही अस्पताल में 5 मौतें… इंजेक्शन या कुछ और? परिजनों ने कर दिया बवाल

ओडिशा के कोरापुट जिले से एक बेहद दुखद और चौंकाने वाली घटना सामने आई है। कोरापुट स्थित शहीद लक्ष्मण नायक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (SLNMCH) में कथित चिकित्सकीय लापरवाही के चलते पांच मरीजों की मौत हो गई है। परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर गलत इंजेक्शन लगाने का गंभीर आरोप लगाया है, जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया है और विभागीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
पांच लोगों की दर्दनाक मौत, परिजनों ने उठाए सवाल
मंगलवार रात यह घटना उस समय सामने आई जब अस्पताल में दो पुरुषों और तीन महिलाओं की मौत हो गई। मृतकों के परिजनों ने आरोप लगाया कि इन सभी मरीजों को अस्पताल में एक विशेष इंजेक्शन लगाया गया, जिसके कुछ समय बाद ही उनकी हालत बिगड़ गई और उन्होंने दम तोड़ दिया।
अधीक्षक का बयान: प्रथम दृष्टया इंजेक्शन को नहीं मान रहे कारण
अस्पताल के अधीक्षक सुशांत कुमार साहू ने मीडिया से बातचीत में कहा, “मामले की गंभीरता को देखते हुए हमने विभागीय जांच के आदेश दिए हैं। सभी विभागाध्यक्षों की बैठक बुलाई गई है।” उन्होंने यह भी बताया कि मृत मरीजों की हालत पहले से ही गंभीर थी और उन्हें आईसीयू या वार्ड में भर्ती किया गया था।
उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत नहीं होता कि मौत का कारण कोई गलत इंजेक्शन है, लेकिन आरोपों की पूरी पारदर्शी जांच की जाएगी।
ICU और सामान्य वार्ड दोनों में हुईं मौतें
जानकारी के अनुसार, जिन पांच मरीजों की मौत हुई है, तीन की मौत ICU में हुई, जबकि दो मरीजों ने सामान्य वार्ड में दम तोड़ा। इस बात ने सवाल खड़े कर दिए हैं कि कहीं इलाज में कोई साझा गलती तो नहीं हुई, जिससे एक ही समय पर इतनी मौतें हो गईं।
गुस्से में परिजन, अस्पताल के बाहर किया विरोध प्रदर्शन
घटना के बाद मृतकों के परिजनों ने अस्पताल के बाहर प्रदर्शन किया और न्याय की मांग की। हालात बिगड़ते देख मौके पर पुलिस बल की तैनाती करनी पड़ी। प्रशासन को आश्वासन देना पड़ा कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
शवों का पोस्टमार्टम जारी, रिपोर्ट के बाद स्थिति होगी स्पष्ट
अधिकारियों ने बताया कि मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि मौत का कारण क्या था—गलत दवा, इंजेक्शन या मरीज की पहले से खराब स्थिति। पोस्टमार्टम के बाद शवों को परिजनों को सौंपा जाएगा।
जवाबदेही तय करने की मांग तेज
यह मामला ओडिशा की स्वास्थ्य सेवाओं पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़ा करता है। जहां एक ओर सरकारी अस्पतालों पर आम जनता भरोसा करती है, वहीं दूसरी ओर ऐसी घटनाएं लोगों में भय और अविश्वास पैदा करती हैं। अब देखना होगा कि जांच में क्या सामने आता है और दोषियों पर क्या कार्रवाई होती है।