अब देश मे कुकिंग ऑयल से चलेंगी गाड़ियां, मोदी सरकार में ये भी मुमकिन है…..

कितना अच्छा होता अगर पेट्रोल या डीजल के बजाय किचन में इस्तेमाल होने वाले कुकिंग ऑयल से गाड़ियां चलती | फिर ना पॉल्यूशन होता और ना ही ओजोन परत को इतना नुकसान पहुंचता। ग्रीन हाउस गैस की भी चिंता करनी नहीं पड़ती। सबकुछ अच्छा होता और आज दुनिया ऐसे बर्बादी के कगार में नहीं पहुंचती।

खैर, कोई नहीं देर से ही सही, दुरस्त खबर आई है। खबर है कि अब भविष्य में रसोई में इस्तेमाल होने वाले कुकिंग ऑयल से गाड़ियां चलेंगी। हैरान होने की बात नहीं है और ना ही कोई मजाक चल रहा है। जल्द ही भारत सरकार एक नए प्रोजेक्ट पर काम शुरू करने वाली है। इस प्रोजेक्ट के तहत मोदी सरकार जल्द ही रसोई में इस्तेमाल होने वाले कुकिंग ऑयल से बायोडीजल बनाएगी।

मोदी है तो मुमकिन है | मोदी सरकार ने एक के बाद एक अहम फैसले लेकर सभी के दिलो को जीत लिया है | तो वहीं अब पर्यावरण से प्रदूषण कम करने के लिए एक और कदम बढ़ाया है | सरकार जहां एक ओर देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल पर फोकस कर रही है, तो वहीं दूसरी ओर अब सरकार बायोडीजल को बढ़ावा दे रही है | जिसका रोडमैप तैयार कर लिया गया है | दरअसल इस्तेमाल हो चुके खाने के तेल से अब बायोडीजल बनेगा | ठीक सुना आपने पकौड़े तलने वाले तेल से अब मोदी सरकार कार दौड़ाने की तैयारी कर रही है | वही तेल जो आप अपने घर इस्तेमाल करते है…. बाद में उसे वेस्ट समझकर आप फैंक देते हैं | मगर अब इसी तेल से गाड़ियां दौड़ेंगी और तेल से गांड़ियां दौड़ाने के लिए मोदी सरकार ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है |

कुकिंग आयल से चलेगी , प्रोजेक्ट हुआ शुरू

रसोई के कुकिंग ऑयल को बायोडीजल में बदलने के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण यानी (FSSAI) ने Repurpose Used Cooking Oil यानी (RUCO) नाम से एक प्रोजेक्ट शुरू किया है। इस प्रोजेक्ट में खाना पकाने में इस्तेमाल किए जाने वाले तेल को बायोडीज़ल में बदला जा सकेगा | यह पहल बर्बाद होने वाले कुकिंग ऑयल को रियूज़ करने के लिए किया जाता है। दरअसल, घर, रेस्टोरेंट और होटलों में बहुत सारा तेल खाना पकाने के बाद बच जाता हैं। फिर इस तेल को फेंक दिया जाता है। खाद्य तेल को एक बार इस्तेामाल करने के बाद दोबारा इस्तेैमाल नहीं किया जाता है। क्योंकि एक बार खाना पकाने के बाद तेल जल जाता है और वह दोबारा यूज़ करने के लायक नहीं होती है।

आपको बता दें कि 10 अगस्त को ‘वर्ल्ड बायोफ्यूल डे’ के मौके पर सरकारी पेट्रोलियम कंपनियां इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम के इस प्रोजेक्ट को पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लॉन्च किया | अब आगे तेल कंपनियां बायोडीजल के निर्माण को लेकर प्राइवेट कंपनियों से समझौता करेंगी | जो बायोडीजल बनाने के लिए प्लांट लगाएंगी |

जानिए कितनी होगी इसकी कीमत

सबसे पहले देश के 100 शहरों में इसके लिए प्लांट लगेंगे…. यानी भविष्य में बायोडीजल के जरिये भी वाहन चलेंगे | इससे चलने वाहनों को भी कई फायदे होंगे | जैसे बायोडीजल के इस्तेमाल से पर्यावरण में प्रदूषण नहीं होगा….और सबसे खास बात यह है कि बायोडीजल से चलने वाले वाहनों के इंजन ज्यदा वक्त तक चलेंगे | इतना ही नहीं बायोडीजल का बीएस 6 वाहनों में आसानी से यूज किया जा सकता है और मोदी सरकार ने तेल कंपनियों को हर संभव मदद का भरोसा भी दिलाया है |
शुरुआत में तेल कंपनियां बायोडीजल 51 रुपये प्रति लीटर लेंगी और दूसरे साल इसकी कीमत बढ़कर 52.7 रुपये लीटर होगी तो वहीं तीसरे साल इसकी कीमत 54.5 रुपये प्रति लीटर हो जाएगी |

कुकिंग आयल के लिए होगा मोबाइल ऐप का लांच

दिलचस्प बात ये भी है….कि इस नई योजना को शुरू करते ही केंद्रीय मंत्री ने रीपर्पज यूज्ड कुकिंग ऑयल स्टीकर और यूज्ड कुकिंग ऑयल के लिए मोबाइल ऐप भी लॉन्च होगा | जिसके जरिए नजर रखी जाएगी कि इस्तेमाल हो चुका तेल दोबारा इस्तेमाल न किया जाए | इसके लिए बाकायदा होटल और रेस्टोरेंट्स में स्टीकर लगाए जाएंगे |
ऐसा करके मोदी सरकार देश की हावो हवा को ना सिर्फ प्रदूषण से बचाएगी बल्कि पेट्रोल और डीजल का विकल्प भी तैयार कर रही है | गौरतलब है कि तेल कंपनियों की मनमानी दिन व दिन बढ़ती जा रही हैं | जिससे तेल के दाम आसमना छू रहे हैं | ऐसे में बायोडीजल का आइडिया हर लिहाज से फायदे का सौदा है | सबसे बड़ी बात ये हैं कि इससे पर्यावरण को तो फायदा होगा ही साथ ही लोगों का स्वास्थ्य भी बेहतर होगा और भारत में ये एक अलग तरह की क्रांति होगी |

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