अब यज्ञ और आस्था से लड़ी जा रही कोरोना की जंग

सहारनपुर बड़गांव कहावत है जब लॉजिक पर भरोसा मजबूत होने की जगह धीरे धीरे कम कमजोर होने लगता है, तो तब मैजिक के आसरे जनता खड़ी हो जाती है, इसी प्रकार कहीं जनता कोरोना से निबटने के लिए गाय के गोबर-गोमूत्र से नहाकर कोरोना से मुक्ति पाने की जद्दोजहद में लगी हुई है तो कहीं कुछ गाँव में ग्रामीण अपने अपने घरों और गाँव में पूजा-पाठ हवन-यज्ञ के जरिये इस समय उग्र हुए इस कोरोना संक्रमण को शांत करने के लिए रात्रि में घरों बाहर दीपक जलाना आदि तरह तरह के टौने टोटकों में आज भी विश्वास कर रहे है। हालाँकि ऐसी कई तस्वीरें पिछले कुछ समय से लगातार देखने को मिल रही है। रविवार की सुबह ऐसा ही एक नजारा क्षेत्र के गांव दल्हेड़ी में भी देखने को मिला यहाँ ग्रामीणों ने कोरोना महामारी रोकने के लिए पहले तो शिव मंदिर में एक बड़ा यज्ञ किया और फिर शख ध्वनि के साथ विभिन्न मंत्रोच्चार करते हुए यज्ञ कुंड़ को एक ट्रैक्टर ट्राली व रेहड़े में रखकर गाँव की गलियों में सामग्री की आहूती ड़ालते ग्रामीण मिले। मामला यहीं नही रूक जाता इसके अलावा पूरे गाँव के हर एक घर में छोटा हवन यज्ञ किया गया चाहे वह किसी भी तरीके से किया गया हो लेकिन लक्ष्य सिर्फ एक ही था कि गांव के प्रत्येक घर से इस कोरोना रूपी वायरस को भगाने के लिए एक ऐसी शुद्ध हवा (धुआं ) निकले जिसे देख कोरोना का संक्रमण गाँव में न टिक ही पाये। दल्हेड़ी में यज्ञ संयोजक रणवीर सिंह आर्य, मास्टर श्याम सिंह, राजकुमार आर्य, महकसिंह आर्य आदि बताते है कि हवन सामग्री के धुएं से वातारण की हवा को शुद्ध करते हुए गाँव से कोरोना संक्रमण को पूरी तरह खत्म करने संबंधित प्रयास किये जा रहे है।

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