अब पार्टी बचाने में जुटे चिराग पासवान, नेताओं करते रहे मंथन

पटना. लोजपा के भीतर मचे घमासान के बीच चिराग खेमा पार्टी और पावर बचाने की जद्दोजहद में जुट गया है. चिराग पासवान (Chiarg Paswan) के दिल्ली स्थित आवास पर सोमवार की देर रात तक बैठकों का दौर जारी रहा जो मंगलवार को भी चल रहा है. इस बैठक में चिराग पासवान सहित पार्टी के कई नेता मौजूद हैं. बिहार से भी पार्टी के कुछ नेता सोमवार को दिल्ली रवाना हुए थे, वो भी इस बैठक में मौजूद थे. पार्टी में टूट के बाद अब एलजेपी (LJP) का क्या होगा, इसे लेकर बैठक में पार्टी के नेता और कार्यकर्ताओं से राय ली गई. साथ ही यह भी जानने की कोशिश हुई कि आखिर पार्टी को कैसे बचाया जाए?

लोकसभा में संसदीय दल का नेता का पद छीने जाने के बाद अब संकट लोजपा पार्टी पर है, ऐसे में चिराग पासवान पार्टी बचाने के लिए कानूनी पहलुओं पर भी चर्चा कर रहे हैं. खबर यह है कि सोमवार की देर रात तक चिराग पासवान अपने आवास पर वकीलों से भी बात करते रहे और इस मामले में कानूनी पहलू क्या हो सकता है इस पर भी चर्चा की. पार्टी सूत्रों की मानें तो चिराग पासवान पार्टी के कार्यकर्ताओं का भी मन टटोलने में लगे हैं. खबर तो यहां तक है कि खुद चिराग पासवान ने पार्टी के कई नेताओं से फोन पर बात की और उन्हें जमीनी कार्यकर्ताओं से बात करने का टास्क दिया.

पार्टी के सभी सांसदों के विरोध के कारण भले ही लोकसभा में पार्लियामेंट्री बोर्ड के अध्यक्ष की कुर्सी चिराग के हाथ से निकल गई हो, लेकिन वह अब पार्टी की कमान अपने हाथ से निकलने नहीं देना चाह रहे हैं. इसे लेकर 14 जून से चिराग पासवान मंथन में जुटे हुए हैं. मालूम हो कि चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस ने ही रातों रात तख्ता पलट करते हुए एक तरीके से चिराग पासवान को कुर्सी से हटा डाला. लोजपा के पांच सांसदों ने पशुपति पारस को अपना नेता चुन लिया है.

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